वाराणसी में मंडी निरीक्षक रिश्वत लेते पकड़ाया, एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई, लाइसेंस के लिए मांगे थे 24 हजार
वाराणसी। एंटी करप्शन टीम ने कछवां रोड मंडी में तैनात मंडी निरीक्षक सतेंद्रनाथ को सोमवार को 22 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। आरोपी ने लाइसेंस देने के लिए 24 हजार रुपये की डिमांड की थी। शिकायत के बाद एंटी करप्शन टीम ने इस कार्रवाई को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया।
शिकायतकर्ता अजीत ओझा, निवासी कोठान चांदमारी ने 15 जुलाई 2025 को एंटी करप्शन कार्यालय वाराणसी में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह कछवां रोड मंडी में "रुद्र ट्रेडिंग कंपनी" के नाम से व्यावसायिक लाइसेंस बनवाना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने 24 जून 2025 को ऑनलाइन आवेदन भी किया था, लेकिन लाइसेंस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के बदले मंडी निरीक्षक सतेंद्रनाथ ने उनसे 250 के वैध शुल्क के अतिरिक्त 24 हजार रुपये की मांग की।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि जब उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर रिश्वत देने से इनकार किया, तब भी आरोपी निरीक्षक ने बार-बार फोन करके पैसे देने का दबाव बनाया। आरोपी ने करीब 20 से 25 बार फोन कर उन्हें रिश्वत देने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। शिकायत की पुष्टि और प्रारंभिक जांच के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। तय योजना के अनुसार, 21 जुलाई को अजीत ओझा मंडी निरीक्षक के बुलावे पर पहाड़िया मंडी के गेट नंबर-2 स्थित चेक पोस्ट संख्या-2 पर पहुंचे, जहां एंटी करप्शन की टीम सादी वर्दी में पहले से ही मौजूद थी।
जैसे ही सतेंद्रनाथ ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि ली, टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। बाद में आरोपी से केमिकल टेस्ट (हाथ धुलवाकर) कराया गया, जिसमें रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई। इसके बाद आरोपी को लालपुर-पांडेपुर थाने ले जाया गया, जहां उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया और आगे की पूछताछ जारी है।

