अवैध ट्रांजेक्शन में गिरफ़्तारी का डर दिखाकर महिला से की 3.55 करोड़ की ठगी, सरगना समेत कुल 14 गिरफ्तार

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वाराणसी। कमिश्नरेट के साइबर क्राइम थाने को महिला से 3.55 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा करने में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। पुलिस ने घटना में लिप्त 8 आरोपियों को उनके सरगना समेत गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके 3.70 लाख रुपए नगदी समेत अन्य सामान बरामद किए हैं। इसका खुलासा डीसीपी क्राइम चंद्रकात मीणा व साइबर पुलिस ने किया। 

जानकारी के मुताबिक, सिगरा थाना अंतर्गत एक स्कूल की रिटायर्ड शिक्षिका शम्पा रक्षित को ट्राई अधिकारी बताकर उनसे ऑनलाइन 3 करोड़ 55 लाख रुपए की ठगी हुई थी। जिसकी शिकायत उन्होंने 8 मार्च 2024 को साइबर थाने में दर्ज हुआ था। डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा ने बताया कि इस घटना में कुल 14 आरोपी शामिल थे। जिनमें से 6 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। बाकी 8 आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। 

सभी आरोपी दिल्ली और गुड़गांव के रहने वाले हैं। वहीं इनका सरगना बीकानेर का रहने वाला है। सभी की गिरफ़्तारी की जा चुकी है। पुलिस ने इनके पास से 6 मोबाइल फोन, 1 एटीएम कार्ड, 1 चेकबुक, 1 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 2 इंटरनेट बैंकिंग स्लीप, 1 फिंगरप्रिंट स्कैनर व 3 लाख 70 हजार नगद बरामद किया है। 

गिरफ़्तारी का डर दिखाकर ऐंठे रुपए

अभियुक्तों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वे सभी स्वयं को ट्राई का अधिकारी बताकर विभिन्न नंबरों पर फोन करते हैं और बताते हैं कि आपका सिम रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा अवैध कार्यों में लिप्त होने के कारण बंद किया जा रहा है। इसके बाद वह लोग कुछ देर बाद पुलिस के अधिकारी बनकर उसी नंबर पर कॉल करते हैं और बताते हैं कि आपके द्वारा सिम के माध्यम से अवैध कार्यों व पैसों का लेन-देन किया जा रहा है। जिसके कारण आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है। इसके लिए आपको पूछताछ के लिए थाने पर आना होगा और विश्वास दिलाने के लिए फर्जी वेबसाइट का पता दे देते हैं। और कहते हैं कि चाहे तो आप इस वेबसाइट पर जाकर अपना वारंट चेक कर लें। 

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SKYPE डाउनलोड कराकर जुटाई पारिवारिक व आर्थिक जानकारी

आने में असमर्थता दिखाने पर आरोपी SKYPE डाउनलोड कराते हैं और स्क्रीन शेयर कर लेते हैं। इसके बाद सामने वाले व्यक्ति के परिवार संबंधी व अन्य जानकारियां जुटा लेते हैं। इसके बाद गिरफ़्तारी का डर दिखाकर लगातार दबाव बनाते हुए सामने वाले व्यक्ति को अपने विश्वास में ले लेते हैं। खाते में जमा पैसों को चेक करने हेतु समस्त पैसा अपने फर्जी अकाउंट में RBI को भेजने की बात कहकर ट्रांसफर करा लेते हैं। आरोपी सामने वाले व्यक्ति को विश्वास दिलाते हैं कि यह पैसा जांच के बाद वापस कर दिया जाएगा। इसी प्रकार से वह लोगों को अपने झांसे में लेकर पैसा ट्रांसफर कराते हैं। 

आरोपियों ने बताया कि इसी प्रकार से उन्होंने वाराणसी की शम्पा रक्षित से भी गिरफ़्तारी दिखाकर ठगी की और खाते में आए पैसों को एटीएम व चेक के माध्यम से कई बैंकों से निकाल लिया। 

गिरफ्तारी करने वाली टीम

गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रमुख रूप से प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, निरीक्षक अनीता सिंह, उप निरीक्षक सतीश सिंह, उप निरीक्षक संजीव कन्नौजिया, उप निरीक्षक नीलम सिंह, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, हेड कांस्टेबल आलोक कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल गोपाल चौहान, हेड कांस्टेबल गौतम कुमार, हेड कांस्टेबल अंकित कुमार प्रजपति, कांस्टेबल देवेंद्र कुमार, कांस्टेबल पुनीता यादव, कांस्टेबल प्रीति सिंह व वाराणसी कस्मिश्नरेट पुलिस की सर्विलांस टीम शामिल रही। 

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