वरुणा गार्डन से लाखों का माल चोरी करने वाला शातिर गिरफ्तार, अपराध का तरीका जान आप भी रह जाएंगे सन्न
वाराणसी। कैंट थाना क्षेत्र के वरुणा गार्डन के कई घरों से चोरी करने वाले आरोपी को पुलिस, एसओजी व् सर्विलांस की टीम ने सोमवार देर रात इमलिया घाट फुलवरिया से गिरफ्तार किया। साथ ही पुलिस ने उसके पास से चोरी किये आभूषण व् घटना में प्रयुक्त विभिन्न औजार बरामद किए हैं। पुलिस आरोपी के खिलाफ चोरी व् सम्बंधित धाराओं में विधिक कार्यवाही करने में जुटी हुई है।
गिरफ्तार आरोपी आशीष रावत पुत्र भरत लाल रावत को पुलिस ने इमलिया पाट फुलवरिया थाना कैंट सोमवार को गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ वरुणा गार्डन के रहने वाले राजकुमार सिंह ने 17 जुलाई 2023 को कमरे का ताला तोड़कर उनकी पत्नी के जेवरात व 17 लाख रुपए चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
इसके अलावा वरुणा गार्डन की रहने वाली चन्द्रकला नाम की महिला ने भी 2 फरवरी 2024 आलमारी में रखे सोने के आभूषण व मोबाइल चोरी करने का मामला दर्ज कराया था। वहीँ 4 फरवरी 2024 को वादी भूपेन्द्र नाथ सिंह ने भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बादी के फ्लैट का ताला तोड़कर आलमारी में रखे सोने के आभूषण आदि चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर ही रही थी। इसी बीच सोमवार देर रात उन्होंने मुखबिर की सूचना पर आरोपी को पकड़ लिया।
अपराध करने का तरीका
अभियुक्त आशीष रावत ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह यहीं बनारस के फूलपुर का रहने वाला है और कुछ सालों से दिल्ली में रह कर यूपीएससी की तैयारी चाणक्य कोचिंग में कर रहा है। वही रहते हुए उसकी संगत कुछ गलत लोगों से हो गई थी। जिससे उसके शौक बढ़ने लगे। इन्हीं शौक को पूरा करने के लिए वह चोरी किया करता था। बताया कि कैंट के पास स्थित वरुणा गार्डन अपार्टमेन्ट में उसके एक रिश्तेदार रहते हैं। वह जब कभी बाहर जाते थे, तो अपने फ्लैट की चाभी उसे दे देते थे।
वह रात में घूमने-टहलने के बहाने जाकर पहले बन्द फ्लेटों की रेकी करता था और फिर मौका देखकर अलग-अलग ब्लॉक में जाकर जिस फ्लैट के अन्दर की लाइट नहीं जल रही होती थी, उसके दरवाजे पर लगी घण्टी बजाकर देखता था। जब काफी देर तक कोई दरवाजा नहीं खोलता तो उसे पता चल जाता कि इस फ्लैट में कोई नहीं है। उसके बाद वह अपने पास मौजूद लोहे की रॉड व अन्य औजारों की सहायता से दरवाजे को चटकाकर खोल लेता था और अंदर घुसकर सारे पर की तलाशी लेकर ज्यादातर सोने के गहने, रुपये जो भी मिलता था उसे चुराकर मौका पाकर निकल जाता था।
मृत मां-बाप के नाम पर बेच दिए गहने
आरोपी ने बताया कि कुछ गहने उसने अपनी मां और पिता के मृत्यु हो जाने के बाद उनके गहने बताकर बाजार में बेच दिया था। उसने अपने गाँव से अपने दोस्त राजू को भी साथ ले गया था। सामान बेचने पर मिले रुपए उसने धीरे-धीरे करके खाते में जमा करा दिए थे। यह सभी रुपए वह यारी दोस्ती व शराब पीने-खाने, अध्याशी एवं घूमने-फिरने में खर्च कर दिया। आरोपी के मुताबिक, शेष बचे पैसे उसके खाते में ही जमा है। चोरी करने के बाद में चोरी के कुछ गहने दिल्ली आते-जाते समय ट्रेन में राहगीरों को दिखाकर व मजबूरी बताकर बेच देता था। बताया कि कुछ सामान उसने पहले ही राहगीरों को बेच दिया था व कुछ गहनों को उसने गला दिया है, ताकी बेचने में आसानी हो, बाकी कुछ गहने अभी बचे हैं जिसे पुलिस ने बरामद किया है।
गिरफ़्तारी करने वाली टीम
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में मुख्य रूप से प्रभारी निरीक्षक कैंट अजय राज वर्मा, उ0 नि0 पवन कुमार पाठक, उ0 नि0 आयुष पाण्डेय, उ0 नि0 आशीष श्रीवास्तव, हे0 का0 बृजबिहारी ओझा, का० सचिन मिश्रा, का० अमित रहे। वहीँ एसओजी टीम से 30 नि0 मनीष मिश्रा (प्रभारी), उ0 नि0 गौरव कुमार सिंह, का० रमाशंकर यादव, का0 आलोक कुमार मौर्या, का० अंकित मिश्रा, का० प्रेमशंकर पटेल, सर्विलांस सेल- हे0 का0 दिवाकर वत्स, हे0 का0 संतोष पासवान, आरक्षी मनीष कुमार रहे।
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