वाराणसी में होगी मखाना की खेती, किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
वाराणसी। जिले में अब मखाना की खेती होगी। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण देकर इसकी बारीकियां व चुनौतियों से अवगत कराया जाएगा। वहीं बीज भी दिया जाएगा। पहले 10 हेक्टेयर में खेती करवाने की तैयारी है।
जिला उद्यान विभाग की पहल पर एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत दूसरे प्रांतों में होने वाली फसलों को भी यहां उगाया जा रहा है। पिछले साल वाराणसी में बरसाती प्याज, स्ट्राबेरी के खेती कराई गई थी। इस बार मखाना और पान की खेती शुरू कराने की योजना है। जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहली बार 10 हेक्टेयर में मखाना की बुआई कराई जाएगी। जिन किसानों के पास तालाब है, वे इसको लगा सकते हैं। जिले में अभी 10 किसानों ने पंजीकरण कराया है।
उद्यान अधिकारी ने बताया कि पंजीकरण कराने वाले किसानों को अक्टूबर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। खेती के लिए मखाना अनुसंधान संस्थान (दरभंगा, बिहार) से बीज मंगाया जाएगा। एक हेक्टेयर में 80 किलो से एक क्विंटल तक बीज और 80 हजार रुपये की लागत आएगी। इसमें 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
बनारस पान के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन यहां पान उगाया नहीं जाता था। पहली बार आठ किसानों ने पान की खेती की है। शासन स्तर से पान की खेती के लिए लक्ष्य दिया गया है। पान और सिंघाड़े की खेती पर 50 फीसदी अनुदान की व्यवस्था है।
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