श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नवरात्रि के षष्ठी पर महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका का आयोजन, प्रस्तुति देख गदगद हुए दर्शक
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा आयोजित शारदीय नवरात्रि महापर्व के अंतर्गत मंगलवार को षष्ठी के दिन मंदिर चौक में "दुर्गा दुर्गतिनाशिनी" नृत्य नाटिका का आयोजन किया गया। डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रस्तुत इस नाटिका ने मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप को जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम का आरंभ दीपांजलि और गणेश वंदना से हुआ। इसके बाद अर्धनारीश्वर, दुर्गा स्तुति, काली स्तुति और कार्तिकेय स्तुति के साथ महिषासुर की तपस्या, ब्रह्मा द्वारा वरदान और महिषासुर के अत्याचारों का मंचन किया गया। नौ दुर्गाओं द्वारा विभिन्न असुरों का संहार और अंत में मां दुर्गा एवं महिषासुर के युद्ध का नाटकीय दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें महिषासुर का वध दिखाया गया।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, मंदिर न्यास के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में कलाकारों का सम्मान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के डिप्टी कलेक्टर ने रुद्राक्ष माला और दुपट्टा भेंटकर किया।
नवरात्रि के दौरान महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि इस स्तोत्र के पाठ से जीवन की समस्याएं, भय, क्रोध, अहंकार और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने आज के दिन शक्तिपीठों में माता विशालाक्षी और कात्यायनी देवी को श्रृंगार सामग्री भेंट की। यह परंपरा अब प्रत्येक नवरात्रि में जारी रहेगी, जिसमें देवी के सोलह श्रृंगार और वस्त्र भगवान विश्वेश्वर को अर्पित किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्य कलाकारों में दुर्गा का किरदार डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने निभाया, जबकि महिषासुर की भूमिका बृजमोहन यादव ने की।
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