एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, बोले, शासन के दबाव में दाखिल हुआ परिवाद 

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वाराणसी। विधान सभा चुनाव के नामांकन के दौरान धारा 144 के उलंघन के 27 वर्ष पुराने मामले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व विधायक अजय रॉय शुक्रवार को एसीजेएम प्रथम व एमपी एमएलए मामलो के प्रभारी उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में पेश हुए। उन्होंने बतौर आरोपी अपना अंतिम बयान दर्ज कराया। 

उन्होंने सभी आरोपों से इनकार कर दिया। कहा कि वह निर्दोष हैं। राजनितिक विद्वेषवश शाशन के दबाब व प्रभाव में यह परिवाद दाखिल किया गया है। उन्होंने सफाई साक्ष्य देने से भी इनकार कर दिया। उनका बयान अधिवक्ता अनुज यादव एवं अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट में दर्ज कराया। प्रकरण के मुताबिक आरोप रहा कि 11 सितंबर वर्ष 1996 को अजय रॉय लगभग 400 समर्थकों के साथ बस, कार, जीप, ट्रैक्टर, बाइक के साथ जुलुस की शक्ल में जौनपुर मार्ग से शिवपुर बाईपास तक नामांकन के लिए आए। इससे मुख्य मार्ग जाम रहा और शांति व्यवस्था पुलिस प्रशासन को संभालना मुश्किल हो गया था।  

तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट जेबी सिंह ने 6 सितंबर 1996 से 20 अक्टूबर तक पूरे जनपद में धारा 144 लागू कर एक स्थान पर कई लोगों के जमावडे पर रोक लगा रखी थी। इसके उलंघन पर सिटी मजिस्ट्रेट ने अजय रॉय समेत 14 लोगो के खिलाफ आईपीसी कि धारा 188 के तहत परिवाद दाखिल किया था। इसी मामले में अजय रॉय कोर्ट में हाजिर होकर अपना अंतिम बयान दर्ज करवाया। कोर्ट में मामले कि अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तिथि नियत कर दी।

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