चंद्रग्रहण से नहीं प्रभावित होगी विश्वनाथ मंदिर की दर्शन व्यवस्था, शयन आरती के बाद बंद होंगे कपाट
वाराणसी। चंद्रग्रहण की वजह से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की दर्शन व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। चंद्रग्रहण शुरू होने से दो घंटे पहले शयन आरती के बाद मंदिर बंद होगा। वहीं रविवार की भोर में तीन से चार बजे तक मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट दर्शन-पूजन के लिए खोल दिए जाएंगे। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने इसके बाबत जानकारी दी।
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार 28/29 अक्टूबर की रात लगने वाला खंड चंद्रग्रहण संपूर्ण भारत में दृश्य होगा। काशी में ग्रहण का स्पर्श मध्य रात्रि 1:05 से 1:44 बजे और मोक्ष 2:23 बजे होगा। ग्रहण काल के 2 घंटे पूर्व मंदिर का कपाट बंद होने की परंपरा रही है। इस क्रम में शनिवार 28 अक्टूबर को होने वाली समस्त आरती अपने समय पर संपादित होंगी। रात्रि श्रृंगार आरती में फल का भोग लगेगा। शयन आरती के बाद मंदिर गर्भगृह सहित सम्पूर्ण विग्रहों की सफाई के बाद बाबा विश्वनाथ को एक विल्वपत्र चढाकर मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाएगा। रविवार की भोर में 2:30 से 3:00 बजे तक मोक्ष पूजा होगी। उसके बाद 3:00 बजे से 4:00 बजे मंगला आरती होगी। इसके बाद 4:15 बजे मंदिर के कपाट आम भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि जब ग्रहण लग रहा है, उस दौरान मंदिर पूर्व से भी बंद रहता है। ऐसे में नवीन व्यवस्था लागू करने अथवा दर्शन बंद कराने की जरूरत नहीं है। रात्रि में मंदिर के बंद होने से समय में ही ग्रहण, मोक्ष आदि की प्रक्रिया पूरी हो जा रही है।
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