लार्ड विशेश्वर मूलवाद पर 15 मई को होगी सुनवाई, पक्षकार बनाए जाने का है मामला
पिछली तिथि पर शैलेंद्र पाठक की रिकॉल प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुनवाई के आदेश दिया है। इस मामले में सुनवाई होनी थी, मगर शैलेंद्र व्यास की ओर से इस मामले सुनवाई के लिए अगली की मांग की जाने लगी। वर्ष 2022 में पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक व जैलेंद्र पाठक ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि दादा के देहांत के उपरांत मुकदमे में पैरवी के लिए पक्षकार बनाया जाए। दोनों ने वरासत प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया था।
कोर्ट ने 30 मई 2019 को अर्जी में पैरवी नहीं होने के कारण बालाभाव के आधार पर खारिज कर दी थी। प्रार्थी को इसके संबंध में गुमराह किया गया। उन्होंने कुछ दिन पूर्व उक्त आदेश को रिकॉल करते हुए फिर गुण-दोष के आधार पर सुनने की गुहार लगाई थी। साथ ही देरी के लिए भी एक अन्य प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि आदेश के कुछ माह बाद कोरोना काल आ गया था, जिससे सुनवाई प्रभावित हुई थी। जिससे अर्जी के रिकॉल सबंधित प्रार्थनापत्र समयावधि में दाखिल नहीं किया जा सके। मियाद के लिए क्षमा की गुहार लगाते हुए रिकॉल करने का अनुरोध किया गया था।
दोनों प्रार्थना पत्रों पर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से विरोध किया गया। कहा गया कि रिकॉल करने सबंधित विधि के अनुसार नहीं है। बिना कोई कारण दर्शाए अर्जी दी गई है। विलंब का भी कोई कारण नहीं दिया गया है। कोर्ट ने दोनो पक्षों के सुनने के बाद मियाद व रिकॉल प्रार्थना पत्र स्वीकारते हुए पक्षकार बनाने की अर्जी पर दोबारा सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया है।
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