लोलार्क षष्ठी :  कुंड में डुबकी लगाने के लिए 24 घंटे का इंतजार, मध्य रात्रि से शुरू हुआ स्नान, तीन किलोमीटर तक लगी रही लाइन 

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वाराणसी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर भदैनी के लोलार्क कुंड में सोमवार को लाखों से अधिक श्रद्धालुओं संतान प्राप्ति और वंश वृद्धि की कामना के लिए 50 फीट गहरे कुंड मे उतर कर आस्था की डुबकी लगाई। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आधी रात 12 बजे से ही कतारबद्ध आस्थावान कुंड में स्नान करने के लिए उतर गए। देर रात तक लाखों दंपतियों ने अपनी मनोकामनापूर्ण करने के लिए कुंड में डुबकी लगाई। स्नान के लिए यूपी के साथ ही कई प्रांतों व नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे। ऐसे में पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट है। 

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श्रद्धालु रविवार की शाम ही काशी पहुंच गए। रात 10 बजे तक स्नानार्थियों की कतार लग गई। कतार इतनी लंबी थी कि किसी को डुबकी लगाने के लिए 24 घंटा का समय लगा तो कोई 10 घंटे में ही कुंड में डुबकी लगाकर धन्य हो उठा। संकरी गली में सदियों से स्थापित गहरे कुंड तक पहुंचने के लिए स्नान करने वाले पुरुषों और महिलाओं की तीन-तीन किलोमीटर लंबी कतार लगी रही। संतान प्राप्ति की कामना और कामना के पूर्ण होने पर पहुंचे श्रद्धालुओं की लाइनें दो दिन पहले से ही लगनी शुरू हो गई थी। मध्यरात्रि 12 बजे कुंड की लोलार्केश्वर महादेव की पूजन-आरती हुई। इस दौरान पूरा परिवेश डमरुओं के नाद से गूंज उठा। पूजनोपरांत तिथि अनुरूप स्नान शुरू हुआ जो सोमवार को रात तक चलता रहा। 

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कमिश्रनेट पुलिस ने भीड़ को सटीक व्यवस्था के साथ लाखों की भीड़ को न सिर्फ बखूबी नियंत्रित किया है, बल्कि तेजी से भीड़ छंटती रही है। वहीं, आस्थावानों की सुरक्षा के लिए कुंड में एनडीआएफ, जल पुलिस के साथ सेवादार भी मुस्तैद थे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पांच एडिशनल एसपी, 8 क्षेत्राधिकारी, 14 निरीक्षक, 40 उपनिरीक्षक सहित 200 पुलिसकर्मी, 100 महिला पुलिसकर्मी, एक कंपनी पीएसी और एक कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनात की गई है। स्नान के लिए दूर-दराज के इलाकों से भीड़ की जुटान रविवार से ही होने लगी थी। लोलार्क कुंड के निकट मुख्य मार्ग के दोनों ओर दूर तक बैरिकेडिंग की गई थी। सुबह आठ बजे स्थिति यह थी कि एक तरफ भदैनी से जंगमबाड़ी के आगे तक तो दूसरी ओर लंका तक कतार पहुंच गई थी। 

 Bhadaini Lolark Kund

पुलिसकर्मियों ने कुंड की गहराई और सुरक्षा के मद्देनजर महज 50-50 लोगों को भेज रही है। लोलार्क कुंड में स्नान के दौरान दंपतियों ने जो वस्त्र धारण किए थे, उन्हें वहीं छोड़ दिया। स्नान के दौरान ही दंपतियों ने एक-एक सब्जी का त्याग भी किया। स्नान व सब्जी या फल दान के बाद दंपतियों ने लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन भी किया। स्नान के बाद कुंड और सड़कों के किनारे कपड़ों व चप्पलों का ढेर लगाना शुरू हो गया हैं। मान्यता यह है कि पुत्रप्राप्ति की कामना से स्नान करने वालों को भगवान सूर्य के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए किसी एक सब्जी का त्याग कर देना चाहिए। उसका पालन करते हुए बहुतेरे लोगों ने स्नान के उपरांत लौकी और कोहड़ा जैसी सब्जियां भी कुंड में प्रवाहित की। स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने रवींद्रपुरी स्थित क्रीं-कुंड में भी स्नान करने जा रहे। लोलार्क षष्ठी पर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्जन लागू किया है।

तस्वीरें ...

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