लोकसभा चुनाव: VVIP ने शहर माथा, फिर भी घटा मतदान प्रतिशत, शहरी वोटर पर भारी पड़े ग्रामीण मतदाता

Loksabha Election 2024
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वाराणसी। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में वाराणसी संसदीय सीट के लिए मतदान के दौरान शहरी क्षेत्र पर ग्रामीण मतदाता भारी पड़े। यह मतदान प्रतिशत के आंकड़े बता रहे हैं कि शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में मतदाता अधिक निकले। यदि ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता उदासीन हो जाते तो शायद मतदान प्रतिशत और कम हो जाता। कहने का आशय यह कि मौसम के साथ देने की वजह से हर बार ही तरह इस बार भी शहरियों के आगे ग्रामीण अपना फर्ज निभाने में आगे नजर आए। क्या बुजुर्ग, क्या दिव्यांग, क्या नौजवान और महिलाएं, ग्रामीण क्षेत्र के सभी ने अपना फर्ज निभाया। 

पटेल बाहुल्य सेवापुरी विधानसभा में मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला। टोलियों में निकले मतदाताओं ने खूब वोट बरसाए। मौसम ने भी साथ दिया। दिन में तीखी धूप रही लेकिन मतदाताओं का जोश कम नहीं हुआ। शाम ढलने तक मतदाताओं की कतार बूथों पर लगी रही। वाराणसी संसदीय सीट के पांच विधानसभाओं की बात करे तो सेवापुरी में सबसे अधिक 60.93 प्रतिशत मतदान हुआ। यह विधानसभा फर्स्ट डिवीजन पास भी हुआ, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान की बराबरी नहीं सके। पिछली बार की तुलना में 2.46 प्रतिशत मतदान का ग्राफ घटा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सेवापुरी विधानसभा में 63.39 प्रतिशत और वर्ष 2014 में 60.80 प्रतिशत मतदान हुआ था। 

2012 में अस्तित्व में आया था रोहनिया विधानसभा

पटेल बिरादरी बहुल रोहनिया विधानसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद वर्ष 2012 में अस्तित्व में आया था। इस विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार बिरादरी के मतदाता निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 में 59.91 प्रतिशत, 2019 में 58.12 प्रतिशत और बीते शनिवार को 58.77 प्रतिशत मतदान हुआ। लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में रोहनिया विधानसभा क्षेत्र के मतदाता 60 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा नहीं छू सके। 

दक्षिणी में घटता गया मतदान प्रतिशत

शहर उत्तरी विधानसभा में कुल 54.55 प्रतिशत वोट पड़े। पिछले दो चुनावों पर नजर डालें तो दोनों बार से कम मतदान इस बार हुआ है। 2014 में यहां 55.33 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि 2019 में 54.71 प्रतिशत वोट पड़े थे। बात दक्षिणी विधानसभा की करे तो यहां भी मतदान का प्रतिशत पिछले दो लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम रहा। दक्षिणी विधानसभा में 2014 में मतदान का प्रतिशत 60.78 और 2019 में 58.16 प्रतिशत था। जबकि 2024 में 57.70 प्रतिशत वोटिंग हुई। कैंट विधानसभा ने भी वाराणसी लोकसभा का मत प्रतिशत बढ़ाने में साथ नहीं दिया। वाराणसी लोकसभा की पांच विधानसभा सीटों में सबसे कम मतदान कैंट विधानसभा में ही हुआ। यहां सिर्फ 51.47 प्रतिशत वोट पड़े जबकि 2014 में यहां 55.81 और 2019 में 52.42 प्रतिशत मतदान हुआ था।
 

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