लोकसभा चुनाव : बनारस में मोदी को घेरने के लिए अखिलेश ने तय कर लिया उम्मीदवार, जल्द सामने होगा नाम, ओबीसी चेहरे पर दांव खेलने की तैयारी

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वाराणसी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर काफी एक्टिव हैं। कभी सड़क से संसद तक सफर करने वाली समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी लोकसभा के लिए कमर कस ली है। ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन का प्रमुख अंग होने के बावजूद अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर तस्वीर साफ न दिखने की वजह से सपा सुप्रीमो किसी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि वह प्रदेश के प्रत्येक लोकसभा संसदीय क्षेत्र की अलग-अलग बैठक कर वहां की स्थिति को भांपने का न सिर्फ काम कर रहे हैं, बल्कि संबंधित लोकसभा क्षेत्र के पार्टी नेताओं और कर्मठ व सक्रिय कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर अभी से प्रत्याशी चयन में जुट गए हैं। 

बनारस के सपा नेताओं संग अखिलेश ने किया गहन मंथन 

पिछले दिनों लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में वाराणसी संसदीय क्षेत्र के पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर कई बिन्दुओं पर मंथन हुआ। समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में वाराणसी लोकसभा के लिए प्रत्याशी का चयन हो चुका है। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो पार्टी के विश्वसनीय और पुराने नेताओं में से पार्टी किसी एक को प्रत्याशी के तौर पर सामने ला सकती है। हालांकि अभी इसके नाम को गोपनीय रखा गया है। पार्टी को ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन में सीटों में बंटवारे का इंतज़ार है। सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पद पर ओबीसी चेहरे को सामने ला सकती है। वहीँ दूसरी ओर पार्टी के पुरनिये भी अपने शुभचिंतकों को इस रेस में खड़ा करने के लिए शीर्ष नेतृत्व के फोन की घंटी बजाने लगे हैं। 

जमीनी स्थिति का जायजा ले रहे अखिलेश

दरअसल, विपक्षी गठबंधन ‘आईएनडीआईए’ में शामिल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और रालोद मिलकर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। रालोद से सात सीटों पर समझौता करने के बाद अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि, सपा मुखिया की घोषणा से कांग्रेस की प्रदेश इकाई खुश नहीं है, वह ज्यादा सीटें चाह रही है। ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नीतीश कुमार के विपक्षी गठबंधन से अलग होने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा अटक गया है। ऐसे में सपा मुखिया अखिलेश यादव पार्टी के उम्मीदवारों के चयन में जुट गए है। वह खुद उत्तर प्रदेश के एक-एक लोकसभा चुनाव क्षेत्र के पार्टी नेताओं और कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जमीनी स्थिति का जायजा ले रहे हैं। 

कांग्रेस के कदम का इंतजार कर रही पार्टी 

लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर पिछले दिनों वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, महानगर अध्यक्ष दिलीप डे, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह, स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा, पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी समेत कई दिग्गज शामिल रहे। करीब चार घंटे तक चली मैराथन बैठक में एक-एक बिंदु पर गंभीरता से चर्चा हुई। बैठक में यह बात सामने आयी कि यदि कांग्रेस ने वाराणसी लोकसभा सीट के लिए दावा ठोंका, तो जीताऊ समीकरण का अध्ययन किया जाएगा। देखा जाएगा कि कांग्रेस की तरफ से कौन से उम्मीदवार सामने आ रहा है। यदि घोषित उम्मीदवार चुनाव जीतने की स्थिति में नजर नहीं आएगा तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से इस बात पर चर्चा की जाएगी। 

बनारस के लिए कई नामों पर हुई चर्चा 

समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने बताया कि बैठक में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक-एक नेताओं से व्यक्तिगत रूप से वाराणसी संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभाओं के जोन एवं सेक्टर की जानकारी ली। बैठक में यह बात भी चर्चा हुई कि यदि सपा की तरफ से उम्मीदवार उतारने की बात होगी तो कौन इसके लिए फीट साबित होगा। इस लिस्ट में कई नाम सामने आए और सभी के बैंकग्राउंड पर चर्चा हुई। लोकसभा चुनावी तैयारी के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बैठक में उपस्थित वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को एक-एक वोट सहेजने की खातिर आगाह किया।

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