KVS-NVS में कला शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग, छात्रों ने सौंपा ज्ञापन

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सिंह द्वार पर मंगलवार को बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) के छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) में कला शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता खत्म करने की मांग की। एसीपी भेलूपुर ने मौके पर पहुंच मामले को शांत कराया। इसके बाद छात्रों ने शिक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन पुलिस प्रशासन को सौंपा।

छात्रों की मुख्य मांगें

छात्रों का कहना था कि BFA/MFA चार वर्षीय प्रोफेशनल कोर्स है, जिसे पहले शिक्षक भर्ती में मान्यता प्राप्त थी। लेकिन अब नए भर्ती नोटिफिकेशन के अनुसार बीएड को अनिवार्य किया जा रहा है, जिससे फाइन आर्ट्स के अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो जाएंगे।

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छात्रों ने ज्ञापन में अपनी मांगों के समर्थन में कई तर्क दिए:

1.    BFA/MFA पूर्ण रूप से प्रोफेशनल कोर्स – यह चार और दो वर्षीय पाठ्यक्रम हैं, जिनमें शिक्षण के लिए अलग से बीएड की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
2.    पहले नहीं थी बीएड की अनिवार्यता – पहले भी BFA/MFA धारकों को कला शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता रहा है।
3.    उच्च शिक्षा में NET की जरूरत, बीएड की नहीं – विश्वविद्यालय स्तर पर असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए BFA/MFA और NET पर्याप्त होते हैं, तो स्कूल शिक्षण में इसकी अनिवार्यता क्यों?
4.    नई शिक्षा नीति (NEP 2020) में प्रोफेशनल कोर्स को प्राथमिकता – सरकार खुद प्रोफेशनल शिक्षा को बढ़ावा दे रही है, तो यहां अनावश्यक बाधा क्यों?
5.    तीन वर्षीय ड्रॉइंग-पेंटिंग कोर्स अलग – BA ड्रॉइंग-पेंटिंग तीन वर्षीय कोर्स है, जिसमें एक प्रायोगिक विषय होता है, इसलिए उसके लिए बीएड आवश्यक हो सकता है, लेकिन BFA/MFA पूर्ण रूप से व्यावसायिक कोर्स हैं।
6.    कला शिक्षक के रूप में योगदान – BFA/MFA धारक शिक्षक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला, सिनेमा, एनिमेशन और फोटोग्राफी के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।

प्रशासन से की अपील

छात्रों ने मांग किया कि शिक्षक भर्ती के शैक्षणिक योग्यता मानदंडों की पुन: समीक्षा के लिए ललित कला संस्थानों और विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि KVS/NVS भर्ती विज्ञापन में संशोधन कर BFA/MFA धारकों के लिए बीएड की अनिवार्यता हटाई जाए।

प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्रालय को भेजी गई

छात्रों ने ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) और ललित कला अकादमी को भी भेजी है।
 

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