काशी की IPS बेटी ने बताई अपनी सफलता की कहानी, BHU से की पढ़ाई, फिर 4 साल तक बनाई सोशल मीडिया से दूरी
अरफा उस्मानी ने कहा था कि असफलता से घबराने की जरूरत नहीं है। मेरा चयन चौथे प्रयास में हुआ है। यानी तीन बार असफलता मिली, लेकिन प्रयास में कमी नहीं होने दी। हर विफलता से कुछ नया सीखा और गलती दोहराने की आदत से बचती चली गई। मॉक टेस्ट से परीक्षा में मदद मिली। इंसान में इतना जज्बा हो तो खुदा क्यों न बख्शीश दे। अरफा ने आईआईटी-बीएचयू से 2018 में मैथेमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग की पढ़ाई पूरी की, फिर दो साल तक निजी कंपनी में जॉब की। यूपीएससी का पहला अटेंप्ट नौकरी करते ही दिया। असफलता मिली तो नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया। अरफा ने परीक्षा के मेंस में समाजशास्त्र को वैकल्पिक विषय रखा था।
बास्केटबॉल की बेहतरीन खिलाड़ी
अरफा स्कूल से ही बास्केटबॉल की बेहतरीन खिलाड़ी थीं। बीएचयू में पढ़ते हुए कई टूनार्मेंट खेलने गईं और अपनी टीम को विजेता बनाया।
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