दिल्ली व दरभंगा विश्वविद्यालयों में शास्त्रार्थ, जीवंत होगी काशी की परंपरा
वाराणसी। अब दिल्ली (Delhi university) और दरभंगा विश्वविद्यालय (Kameshwar singh darbhanga university) में भी शास्त्रार्थ होगा। दोनों विश्वविद्यालयों में काशी (Kashi) की शास्त्रार्थ परंपरा जीवंत होगी। उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थ समिति (Uttar pradesh nagkoop shastrarth samiti) और काशी विद्वत परिषद (Kashi vidwat parishad) की ओर से आयोजन किया जाएगा। इससे संस्कृत (Sanskrit) और संस्कृत के छात्रों को भी देश में नया मंच मिलेगा।
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय ने काशी की शास्त्रार्थ परंपरा को अपने विश्वविद्यालय में जीवंत करने के लिए रुचि दिखाई है। उन्होंने नागकूप शास्त्रार्थ समिति और काशी विद्वत परिषद से इस मामले में संपर्क किया है।
उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थ समिति की ओर से पूर्णिमा और अमावस्या पर शास्त्रार्थ कराया जाता है। शास्त्रार्थ की परंपरा को नए सिरे से जीवंत करने में काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का योगदान महत्वपूर्ण है। उनकी इस पहल से संस्कृत के छात्रों में काशी की प्राचीन परंपरा के प्रति लगाव और उनकी भागीदारी भी बढ़ी है।
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