मांगों को लेकर काशी के टोटो चालकों ने आवाज़ की बुलंद, कहा – पीएम ने काशी को ‘क्योटो और टोटो’ दोनों दिया, फिर बदहाल क्यों?
इसी बीच टोटो चालकों ने नगर निगम को घेरते हुए कड़े प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। अखिल भारतीय टोटो यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि काशी का प्रत्येक टोटो चालक रोज वाराणसी नगर निगम को 10 रुपये देते हैं। बनारस में टोटो चालकों की संख्या करीब 25 हजार है। इस तरह से हम लोग प्रतिदिन 2 लाख 50 हजार रुपये देते हैं और हर महीने 75 लाख रुपए। यानी टोटो चालकों के ओर से नगर निगम को सालाना 9 करोड़ रुपए दिया जा रहा है।
प्रवीण काशी ने पूछा कि इसके बदले में वाराणसी नगर निगम ने हमें क्या दिया? टोटो चालकों को न तो स्टैंड मिला और न पार्किंग। चार्जिंग स्टेशन तो बहुत दूर की बात है। 9 करोड़ रुपए में हम खुद अपना स्टैंड, पार्किंग और चार्जिंग बना सकते हैं। हम इतना पैसा नगर निगम को देते हैं, जिसमें नगर निगम के सभी कर्मचारियों को वेतन पर रखा जा सकता है। पर इसके बदले में टोटो चालकों को क्या मिलता है गालियां, लाठी, डंडे और बिना वजह के चालान।
प्रवीण काशी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के द्वारा बनारस को क्योटो और टोटो दोनों दिया गया पर दोनों आज ही बदहाल हैं। हम चाहते हैं कि टोटो चालकों की इस बदहाली का संज्ञान प्रधानमंत्री जी को यहां के जनप्रतिनिधि के रूप में लेना चाहिए। अखिल भारतीय टोटो यूनियन की तरफ से जुबेर खान बागी, शशिकांत गुप्ता, बबलू, और प्रशांत पाठक मौजूद थे। 13 मई से पहले नगर निगम के द्वारा ठोस कार्रवाई की आशा अखिल भारतीय टोटो यूनियन ने जताई है। टोटो यूनियन 12 मई को अनशन करने या स्थगित करने पर निर्णय लेगा।
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