चंदन से गमकेगी महादेव की नगरी काशी: किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ, सरकार देगी 50 हजार की सब्सिडी
वाराणसी। भगवान भोलेनाथ को प्रिय चंदन की खेती अब वाराणसी में जोर पकड़ेगी। कृषि विभाग ने किसानों को चंदन की खेती से जोड़ने और उन्हें इसके फायदे समझाने की पहल शुरू कर दी है। योगी सरकार चंदन की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने के साथ-साथ मुफ्त चंदन के पौधे भी उपलब्ध कराएगी।
वाराणसी की मिट्टी चंदन के लिए उपयुक्त
जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य ने बताया कि वाराणसी और उत्तर प्रदेश की जलवायु और मिट्टी सफेद चंदन की खेती के लिए बेहद उपयुक्त है। पहले चरण में सफेद चंदन के पौधे लगाए जाएंगे। लाल चंदन की खेती के लिए मिट्टी में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। कुछ किसानों ने लाल चंदन के पेड़ लगाए हैं, जो सफलतापूर्वक बढ़ रहे हैं।
50 हेक्टेयर भूमि पर चंदन की खेती का लक्ष्य
कृषि विभाग ने वाराणसी में 50 हेक्टेयर भूमि पर चंदन की खेती की योजना बनाई है। इस दौरान लगभग 50,000 चंदन के पौधे लगाए जाएंगे। किसानों को इस योजना में शामिल करने के लिए जिले से लेकर ग्राम स्तर तक बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
किसानों को मिलेगी 50 हजार की सब्सिडी और पौधे
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि चंदन की खेती के लिए किसानों को सरकार से प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। साथ ही, कृषि विभाग किसानों को चंदन के पौधे भी अनुदान पर उपलब्ध कराएगा। किसान चाहें तो अपनी पसंद से पौधे खरीद सकते हैं या विभाग से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं।
चंदन की खेती में समय और लाभ
चंदन के पौधे को पेड़ बनने में 10 से 12 साल का समय लगता है। सफेद चंदन की खेती के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 7 होना चाहिए। पेड़ की ऊंचाई 18 से 20 मीटर तक होती है। इसकी खेती के लिए जल सोखने वाली उपजाऊ चिकनी मिट्टी और हर साल 500 से 625 मिमी तक बारिश की जरूरत होती है।
कृषि विभाग की पहल से मिलेगा बड़ा लाभ
सरकार की इस पहल से किसानों को न सिर्फ आर्थिक लाभ होगा, बल्कि इससे स्थानीय पर्यावरण को भी फायदा होगा। चंदन की बढ़ती मांग और उसके औषधीय व धार्मिक महत्व को देखते हुए यह योजना किसानों के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती है।
चंदन की खेती से किसानों को आय का एक स्थायी स्रोत मिलेगा और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

