काशी-तमिल संगमम : तमिलनाडु से वाराणसी पहुंचा पहला दल, छात्र हैं शामिल, ज्ञान का होगा संगम  

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। काशी तमिल‌ संगमम-2 में शामिल होने ने किए तमिल छात्रों का पहला दल रविवार को वाराणसी पहुंच गया। मेहमानों का जत्था तमिलनाडु से विशेष ट्रेन से बनारस स्टेशन पहुंचा। बनारस की धरती पर उतरते ही दक्षिण भारतीय मेहमानों ने ‘वणक्कम काशी’ कहते हुआ अभिवादन किया। वहीं प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ उनका अभिवादन किया। ढोल-नगाड़े की थाप, पुष्प वर्षा कर मेहमानों का भव्य स्वागत किया गया। 

 नले

काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने के लिए पहले दल में छात्र शामिल हैं। छात्र यहां के धार्मिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक इतिहास के साथ ही ज्ञान व ध्यान परंपरा से भी परिचित होंगे। बीएचयू की ओर से एकेडमिक कार्यक्रम का भी  आयोजन किया जाएगा। बीएचयू के प्रोफेसर एवं दक्षिण के विशेषज्ञ इसमें शामिल होंगे। 14 दिनों तक चलने वाले आयोजन में दक्षिण भारत का खान-पान, रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां की संस्कृति व सभ्यता के लोग परिचित होंगे। वहीं वहीं संस्कृति व कला का आदान-प्रदान भी होगा। काशी-तमिल संगमम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से 1500 से ज्यादा दक्षिण भारतीय मेहमान बनारस आएंगे। हर ग्रुप में 205 डेलिगेट्स की मौजूदगी होगी। 8 दिन का दौरा स्पेशल ट्रेनों के जरिए पूरा किया जाएगा। तमिल पंचांग के अनुसार इस बार मार्गली (मार्गशीर्ष) महीने में काशी तमिल संगमम-2 का आयोजन किया गया हैं।‌

नले
काशी में मेहमानों के लिए विशेष तैयारी 
काशी पहुंचे मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की गई हैं। तमिल मेहमान साउथ के खान-पान के हिसाब से चावल दही, इडली सांभर, कचौड़ी जलेबी और बनारस की मलइयो और यहां की चाट, गोलगप्पे का भी स्वाद चखेंगे। तमिलनाडु के भरतनाट्यम और यूपी के कत्थक का मेल देखने को मिलेगा। बनारस की साड़ी, कांजीवरम, गोपुरम साड़ियां भी यहां लगाए जाने वाले स्टाल में देखने को मिलेगा। तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक इस आयोजन में दिखाई देगी। 

नले

छात्रों का दल करेगा दर्शन-पूजन
तमिल छात्रों का दल काशी विश्वनाथ धाम, काल भैरव मंदिर, सारनाथ, हनुमान घाट, गंगा सहित अन्य स्थानों का भ्रमण करेगा। इसके बाद प्रयागराज और फिर अयोध्या जाएगा।

नले

नले

Share this story