Kashi-Tamil Sangamam : बनारस घराने के कलाकारों ने शास्त्रीय गीत गंगे से बताई मां गंगा की पौराणिकता, तमिल डेलीगेट्स हुए मुग्ध
वाराणसी। काशी-तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की 11वीं संध्या पर गुरुवार की शाम काशी और तमिलनाडु के नौ सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। बनारस घराने के कलाकारों ने शास्त्रीय गीत गंगे के जरिये मां गंगा की पौराणिकता व महिला का बखान किया। वहीं दोनों राज्यों के शास्त्रीय और लोक नृत्य, लोक गायन और वाद्य वादन आदि प्रस्तुतियों ने नमो घाट को संगीतमय कर दिया। मां गंगा के तट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाकर समस्त डेलीगेट्स काफी मुग्ध नजर आए।
बनारस घराने से राहुल रोहित मिश्रा और उनकी टीम ने शास्त्रीय गीत गंगे पर प्रस्तुति देकर दर्शकों को मां गंगा की पौराणिकता और पवित्रता से परिचित कराया। इसके अलावा वाराणसी से हरी पौडियाल और उनकी टीम ने वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति दी। घाट पर बैठे लोगों को गंगा मां की भक्ति से सराबोर कर दिया। अन्य प्रस्तुतियां में पी महेंद्रियन और टीम ने ओयलाट्टम, उरुमी, नैयांडिमेलम और टी गोकुल ने अपनी टीम के साथ पंबई, काई सिलांबटम, कवाडिअट्टम पर जोरदार प्रस्तुति दी। इस विधा में तमिल कलाकारों ने कई तरह के हैरतअंगेज करतब भी दिखाए।
डांस मास्टर ए माधवर्मन और उनकी नृत्यांगनाओं की टीम ने भरतनाट्टयम पर प्रस्तुति दी। इसके अलावा, एस जयती और टीम ने थपट्टम, कारगम और अंतिम नौवीं प्रस्तुति के. भारनी ने सिवान, पार्वती और सामयट्टम की रही। काशी-तमिल संगमम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो. टीजी सीताराम, अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने सहभागिता की। संगमम में लगे स्टॉल को भी देखा।
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