काशी तमिल संगमम 4.0 : नमो घाट पर बच्चों में जगी ज्ञान, संस्कृति और सृजनशीलता की नई ऊर्जा, 600 से अधिक छात्रों ने किया प्रतिभाग
वाराणसी। काशी तमिल संगमम 4.0 के तहत नमो घाट पर आयोजित तीसरे दिन का कार्यक्रम बच्चों के लिए विशेष रूप से समर्पित रहा। नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) द्वारा आयोजित विविध गतिविधियों ने बच्चों को ज्ञान, रचनात्मकता और मनोरंजन का अनूठा संगम प्रदान किया। वाराणसी के विभिन्न स्कूलों से आए 600 से अधिक छात्रों की सहभागिता ने पूरे आयोजन को जीवंत और उत्साहपूर्ण बना दिया।

दिन का मुख्य आकर्षण सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी पर आधारित प्रेरक कटपुतली शो रहा, जिसे उनकी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रस्तुत किया गया। क्रिएटिव पपेट थिएटर ट्रस्ट, वाराणसी द्वारा तैयार की गई। इस प्रस्तुति का संचालन एनबीटी के मणि भूषण ने किया। बाल विद्यालय (143 छात्र), देहरादून स्कूल (46 छात्र) और त्रिदंडी देव वेद पाठशाला (30 छात्र) समेत कई स्कूलों के छात्रों ने इस प्रस्तुति के माध्यम से लौहपुरुष के जीवन संघर्ष, समर्पण और भारत की अखंडता में उनके महान योगदान को सजीव रूप में जाना। बच्चों ने बड़ी रूचि और उत्साह के साथ इस ऐतिहासिक प्रस्तुति को आत्मसात किया।

कार्यक्रम के अंतर्गत टीम एनसीसीएल द्वारा “वाराणसी एक विरासत नगरी” विषय पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता ने छात्रों को काशी की ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विशेषताओं तथा आध्यात्मिक परंपरा से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छात्रों ने विभिन्न राउंड्स में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और काशी की विरासत से जुड़े अनेक रोचक तथ्यों को जाना। इसके अतिरिक्त ‘रीडिंग एंड पब्लिशिंग’ पर एक विशेष ओरिएंटेशन सत्र भी आयोजित किया गया। इसमें छात्रों को पठन संस्कृति, पुस्तक निर्माण की प्रक्रिया, साहित्यिक सृजन और प्रकाशन जगत से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया गया। इस सत्र का उद्देश्य बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना, उनके भीतर ज्ञान के प्रति जिज्ञासा विकसित करना और उन्हें सृजनात्मक लेखन की ओर प्रेरित करना था।
पूरे दिन चले इन कार्यक्रमों में बच्चों ने अत्यंत उत्साह के साथ भाग लिया। शिक्षकों और आयोजकों के सहयोग व मार्गदर्शन ने कार्यक्रम को सफल और प्रभावशाली बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। काशी तमिल संगमम 4.0 का तीसरा दिन शिक्षा, संस्कृति और रचनात्मकता का अद्वितीय संगम बनकर सामने आया, जिसमें बच्चों ने न केवल मनोरंजन प्राप्त किया बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और भारत के महान नेताओं के योगदान को अधिक गहराई से समझा।

