काशी-तमिल संगमम 3.0 :  काशी और तमिलनाडु के उद्यमियों के बीच विचार-विमर्श, सहयोग और नवाचार से साझा विकास पर दिया जोर 

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वाराणसी। काशी तमिल संगमम 3.0 के तहत बीएचयू में आयोजित एक विशेष अकादमिक सत्र में काशी और तमिलनाडु के उद्यमियों एवं व्यवसायिक पेशेवरों ने साझा विकास और सहयोग के अवसरों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान लघु उद्यमियों, स्टार्टअप संस्थापकों और उद्योग विशेषज्ञों  ने अपने विचार साझा किए। आपसी अनुभवों, सहयोग और नवाचार के जरिये साझा विकास पर जोर दिया गया। 

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तमिलनाडु से आए प्रतिनिधिमंडल का बीएचयू परिसर में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर वाराणसी के अपर जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) रविशंकर ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं  डॉ. दीपिका कौर, प्रो. सुभाष प्रताप सिंह और डॉ. वी. रामनाथन को सम्मानित किया। कार्यक्रम की शुरुआत आईआईटी (बीएचयू) के प्रोफेसर डॉ. वी. रामनाथन के स्वागत उद्बोधन से हुई।

बीएचयू के प्रबंधन अध्ययन संस्थान की प्रो. डॉ. दीपिका कौर ने सरकार की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) नीतियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत में एमएसएमई क्षेत्र में 5.93 करोड़ पंजीकरण हो चुके हैं, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और यह देश के कुल निर्यात में 45% का योगदान देता है। उन्होंने 2025-26 के केंद्रीय बजट में एमएसएमई और स्टार्टअप्स से जुड़ी घोषणाओं की जानकारी दी।

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प्रबंधन अध्ययन संस्थान के प्रो. सुभाष प्रताप सिंह ने अनुसंधान, निर्माण और विपणन में नवाचार के महत्व पर बल दिया। उन्होंने ‘हेल्प अस ग्रीन’ स्टार्टअप का उदाहरण दिया, जो मंदिरों से निकले फूलों का पुनर्चक्रण कर इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाता है। उन्होंने बीएचयू में संचालित अटल इनक्यूबेशन सेंटर का उल्लेख किया, जो कोबरा ऑनलाइन प्रा. लि. जैसे स्टार्टअप्स को नवाचार के लिए प्रेरित कर रहा है।

आईआईटी बीएचयू के प्रो. डॉ. वी. रामनाथन ने मानव संसाधन विकास, स्टार्टअप निवेश और उद्यमशीलता की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आई-डीपीएट हब फाउंडेशन की जानकारी दी, जहां अब तक 41 स्टार्टअप्स सफलतापूर्वक स्थापित हो चुके हैं। स्टार्टअप विशेषज्ञ अनूप शुक्ला ने स्टार्टअप्स की भूमिका, आर्थिक विकास और सरकारी सब्सिडी पर चर्चा की। उन्होंने कोचिंग, इवेंट प्लानिंग और अन्य नवाचार-आधारित नौ नए स्टार्टअप आइडियाज साझा किए। जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी), वाराणसी के बलराम ने स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता, आधारभूत संरचना और सरकारी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच आर्थिक सहयोग की संभावनाओं को उजागर किया।

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भारतीय उद्योग संघ और लघु उद्योग संघ के प्रतिनिधि राजेश भाटिया ने उत्तर प्रदेश की एमएसएमई नीतियों और व्यापार अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने काशी और तमिलनाडु के पारंपरिक वस्त्र और लकड़ी उद्योग में सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित किया। तमिलनाडु से आए प्रतिनिधियों ने काशी तमिल संगमम 3.0 को व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक उत्कृष्ट मंच बताया। सलेम के रंगनाथन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए गंगा तट पर आने के अनुभव को अविस्मरणीय बताया।

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चेन्नई के रायरत्नम ने कहा कि इस सत्र से उद्यमियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। तिरुनेलवेली के कुट्टी ने महर्षि अगस्त्य मुनि का उल्लेख कर काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता पर जोर दिया। कांचीपुरम की कंचना देवी ने प्रधानमंत्री को काशी की सांस्कृतिक विरासत के पुनरुद्धार के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समापन प्रो. शुनमुग सुंदरम के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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