नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 3.0 का हुआ समापन, उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने उत्तर और दक्षिण के संबंधों का किया बखान, सांस्कृतिक और पारंपरिक विविधता का दिया उदाहरण

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को सार्थक करता ‘काशी तमिल संगमम 3’ का भव्य समापन सोमवार को नमो घाट पर हुआ। इस अवसर पर उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार उपस्थित रहे।

समापन समारोह में मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने कहा कि काशी तमिल संगमम उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य कर रहा है। उन्होंने ओडिशा के पुरी, तमिलनाडु और काशी के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को बताया।

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तमिलनाडु से आए छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों ने लिया हिस्सा

15 फरवरी से 24 फरवरी तक आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में तमिलनाडु से छात्र, शिक्षक, किसान, कारीगर, पेशेवर, महिला प्रतिनिधि और शोधकर्ता शामिल हुए। प्रतिभागियों को प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर चल रहे महाकुंभ मेले में भी भाग लेने का अवसर मिला।

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नमो घाट पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और संवाद सत्र भी हुए आयोजित

प्रतिदिन नमो घाट पर उत्तर और दक्षिण भारत के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिससे दोनों क्षेत्रों की समृद्ध कलाओं का आदान-प्रदान हुआ। इसके साथ ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ओंकारनाथ ठाकुर ऑडिटोरियम में विभिन्न समूहों के साथ संवाद सत्र आयोजित किए गए, जिससे उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों और कार्यशैली को समझने का अवसर मिला।

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विभिन्न विभागों द्वारा नमो घाट पर स्टॉल लगाकर कला, संस्कृति, विज्ञान और शिक्षा से जुड़ी जानकारी भी प्रदान की गई।

ऋषि अगस्त्य की विरासत को मुख्य रूप से किया गया उजागर

इस वर्ष काशी तमिल संगमम 3.0 की मुख्य थीम ऋषि अगस्त्य के बहुआयामी योगदान को केंद्रित रही। उन्होंने सिद्ध चिकित्सा पद्धति (भारतीय चिकित्सा), शास्त्रीय तमिल साहित्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर ऋषि अगस्त्य की विरासत पर एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें उनके योगदान को स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, कला और संस्कृति के संदर्भ में प्रदर्शित किया गया।

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कई केंद्रीय मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों ने की शिरकत

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने संयुक्त रूप से तमिलनाडु से आए मेहमानों का स्वागत किया था। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी तमिल प्रतिनिधियों को संबोधित किया और भारत की सांस्कृतिक विविधता में उनकी भूमिका को सराहा।

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भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना ‘काशी तमिल संगमम’

‘काशी तमिल संगमम’ ने यह दर्शाया कि भारत की भाषाई, सांस्कृतिक और पारंपरिक विविधता ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है। यह आयोजन उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का एक प्रभावी माध्यम बना है।
 

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