Kashi Tamil Sangamam 2025 : महाकुंभ में शामिल होगा दल, रामलला के करेंगे दर्शन, 15 फरवरी से शुरू होगा आयोजन 

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वाराणसी। काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण 15 फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जो "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" कार्यक्रम के तहत आयोजित किया जाता है। इस बार तमिलनाडु से आए दल के लिए यह अनुभव खास होगा, क्योंकि वे पहली बार महाकुंभ में गंगा स्नान करेंगे और अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे।

संगमम का उद्देश्य तमिलनाडु के लोगों को काशी की सांस्कृतिक धरोहर और उसकी समृद्ध परंपराओं से परिचित कराना है। पद्मश्री चम्मू कृष्ण शास्त्री के अनुसार, इस आयोजन के दौरान तमिलनाडु का दल काशी के उन स्थानों का दौरा करेगा, जहां तमिल साहित्य और संस्कृति के महान व्यक्तित्व, जैसे सुब्रह्मण्यम भारती ने समय बिताया था। यह उन्हें काशी और तमिल संस्कृति के बीच की गहरी कड़ी को समझने में मदद करेगा।

इस साल संगमम की थीम ऋषि अगस्त्य के योगदान पर आधारित है। ऋषि अगस्त्य को भारतीय चिकित्सा पद्धति (सिद्धा), शास्त्रीय तमिल साहित्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। इस मौके पर एक विशिष्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उनके स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, साहित्य, राजनीति और कला के क्षेत्र में योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।

महाकुंभ में स्नान के साथ, दल के सदस्य काशी की परंपराओं को करीब से जानने और एक रात टेंट में बिताने का अनुभव प्राप्त करेंगे। अयोध्या की यात्रा भी विशेष होगी, जिसमें यात्रियों को विशेष पास दिए जाएंगे, जिससे वे आसानी से दर्शन कर सकें। तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्कृतिक पुल बनाने वाला यह संगमम, दोनों राज्यों की साझा विरासत को और गहराई से समझने का अवसर प्रदान करता है। महाकुंभ और अयोध्या दर्शन के साथ, यह संस्करण पहले से अधिक खास और ऐतिहासिक बन गया है।

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