भारतीय सेना की बहादुरी पर काशीवासियों को नाज, लगाए जयकारे, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बंटी मिठाई

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वाराणसी। आपरेशन सिंदूर की सफलता से काशीवासी गदगद हैं। भारतीय सेना की बहादुरी से गौरवान्वित काशीवासियों ने सेना की जिंदाबाद के नारे लगाए। वहीं मिठाई बांटकर खुशियां जाहिर की। इस दौरान भारतीय सेना जिंदाबाद के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। 

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आधी रात जब देशवासी गहरी नींद में थे, उस समय भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ एक और साहसिक कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक स्ट्राइक कर 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर 75 आतंकियों को ढेर कर दिया। 

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यह कार्रवाई उन आतंकियों के खिलाफ थी जिन्होंने हाल ही में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। जैसे ही यह खबर सामने आई, काशी में राष्ट्रभक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई। विशाल भारत संस्थान के कार्यकर्त्ता तुरंत सुभाष भवन स्थित मुख्यालय पर एकत्रित हुए और सेना के पराक्रम का जश्न मनाने लगे। ढोल-नगाड़ों के साथ तिरंगा लहराया गया, मिठाइयाँ बाँटी गईं और "भारतीय सेना जिन्दाबाद" के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

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इस मौके पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा, “भारतीय सेना ने इस बार धर्म नहीं देखा, सिर्फ देश के दुश्मनों को जवाब दिया है। लश्कर, जैश और हिजबुल जैसे संगठनों के मुख्यालय तबाह कर दिए गए। अब अगला लक्ष्य पीओके की वापसी है।” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सेना सीमा पार मोर्चा संभाले और देशवासी भीतर के गद्दारों से निपटने को तैयार रहें।

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महिला सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ. नजमा परवीन ने कहा कि सेना का यह जवाब साहस और संकल्प का प्रतीक है। “ये सिर्फ शुरुआत है, करांची और लाहौर तक तिरंगा फहराना बाकी है।” संस्थान के जिला वाइस चेयरमैन अफरोज पाण्डेय ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जो पाकिस्तानी अपनी जान बचाना चाहते हैं, वे समय रहते हिन्दुस्तान का तिरंगा थाम लें, हमारी सेना दयालु है।

जश्न में महिलाओं ने पटाखे जलाकर और मिठाई बाँटकर खुशी जताई। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के मंदिर में प्रसाद चढ़ाया गया। इस उत्सव में शिवशरण सिंह, सत्यम राय, ओमकार राजभर, बबलू पटेल, सुनीता, नगीना, अनीता, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, दिनेश पाल समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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