काशी के नाविक समाज ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने पर उतारी श्री राम की आरती, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर बनाई रणनीति
वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में प्रयागराज से आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर शनिवार को नाविक समाज और जिला प्रशासन के बीच एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के तत्वावधान में हुई, जिसमें एसीपी दशाश्वमेध धनंजय मिश्रा, जल पुलिस, एनडीआरएफ के अधिकारी और नौका धारक समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण, दीपदान और भव्य आरती के साथ हुई। यह आयोजन भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया। उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से 101 बार "राम नाम" का जाप किया।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
बैठक को संबोधित करते हुए मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि महाकुंभ प्रयागराज से आने वाले तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ काशी पहुंचती है। ये यात्री गंगा में स्नान और नौकायन के साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं। उन्होंने कहा, "नौका धारक समाज तीर्थयात्रियों की सेवा और सुरक्षा में अपनी जान जोखिम में डालने से भी पीछे नहीं हटेगा। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे।"
नौका संचालन के लिए दिए गए निर्देश
यात्रियों की सुरक्षा और नौकायन को सुगम बनाने के लिए समिति ने नौका धारक समाज को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश और सुझाव दिए। ये निर्देश एसीपी दशाश्वमेध, जल पुलिस और एनडीआरएफ की उपस्थिति में दिए गए:
1. सुरक्षित संचालन: सभी मोटरचालित नौकाओं को धीमी गति से और सावधानीपूर्वक चलाया जाए ताकि नावों की टक्कर से बचा जा सके।
2. आरती के दौरान सतर्कता: गंगा आरती के समय डबल डेकर नौकाओं के चालक छोटी नौकाओं पर विशेष ध्यान दें।
3. संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी: घाटों पर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के दिखने पर पुलिस को तत्काल सूचना दी जाए। आवश्यकता पड़ने पर उनका सामान भी चेक किया जा सकता है।
4. यात्रियों के साथ सौजन्य: किसी भी यात्री के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा।
5. दुर्घटनाओं पर सख्त कार्रवाई: यदि कोई नाविक जानबूझकर किसी अन्य नाविक की नाव से टक्कर करता है, तो उसे नौका संचालन से प्रतिबंधित किया जाएगा।
6. लाइफ जैकेट अनिवार्य: सभी यात्रियों को सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट पहनाना और नाविकों का पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में नहीं बरती जाएगी कोई लापरवाही
नौका धारक समाज ने जिला प्रशासन के समक्ष शपथ ली कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। समाज के सदस्यों ने डूबते यात्रियों की मदद करने और आपात स्थितियों में तत्परता से कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।
बैठक का संचालन हरिश्चंद्र केवट ने किया। महापंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार निषाद, महानगर अध्यक्ष जितेंद्र साहनी, लक्ष्मण मांझी, रामकिशन मांझी, गोपाल मांझी, प्रयाग साहनी, पप्पू साहनी, और सैकड़ों नौका धारक समाज के लोग शामिल हुए।