शुद्ध हुई काशी की आबोहवा, 389 दिन ग्रीन जोन में रहा शहर 

kashi
WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। जिस काशी को कभी भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जाता था, अब उसकी आबोहवा में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। पिछले 456 दिनों में से 389 दिन काशी की हवा ग्रीन जोन में रही, यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स, AQI) सौ के नीचे रहा। वन और पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में 17 से 21 प्रतिशत तक सुधार हुआ है।

चार साल पहले वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में पहुंच चुका था, उस समय यह 350 के ऊपर था, जो गंभीर रूप से प्रदूषित श्रेणी में आता है। लेकिन 2022 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की शुरुआत के बाद से हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। इस कार्यक्रम के तहत कई ठोस कदम उठाए गए, जिनका असर अब दिखाई दे रहा है। पिछले सवा साल में वाराणसी का AQI कभी 100 के नीचे तो कभी 50 के आसपास ही रहा, जो साफ हवा के सूचक हैं।

हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे प्रदूषकों की मात्रा में भी 17 से 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। अप्रैल 2024 में यह कमी 10 से 15 प्रतिशत थी। इसके बावजूद, वाराणसी में 36 दिन ऐसे भी रहे जब हवा यलो जोन में थी, और केवल पांच दिन शहर की हवा आरेंज जोन में रही, जो मध्यम प्रदूषण को दर्शाता है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीके शर्मा के अनुसार, वाराणसी नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के संयुक्त प्रयासों से शहर की हवा की गुणवत्ता में यह सुधार संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर पानी का छिड़काव, खुले क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित सफाई, निर्माण कार्यों पर नियंत्रण, और औद्योगिक उत्सर्जन को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस सुधार से वाराणसी के निवासियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल रहा है, जो शहर के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक होगा।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story