वाराणसी में पकड़ा गया झारखंड का नक्सली सबजोनल कमांडर, पुलिस की गोली से घायल होने के बाद निजी अस्पताल में करा रहा था इलाज

वाराणसी। झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) के सबजोनल कमांडर अखिलेश यादव उर्फ गौतम यादव को पलामू पुलिस ने वाराणसी से घायल हालत में गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई खुफिया इनपुट और तेज़ रणनीतिक समन्वय के चलते संभव हो सकी। पुलिस की गोली से घायल होने के बाद हार्डकोर नक्सली वाराणसी में निजी अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था। इसकी सूचना पर पहुंची पलामू पुलिस ने वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की मदद से नक्सली को गिरफ्तार किया।
पुलिस की गोली से हुआ था घायल
15 मई की रात लगभग 8:30 बजे पलामू पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि 10 लाख का इनामी TSPC जोनल कमांडर शशिकांत और उसके सहयोगी नगीना, मुखदेव (5 लाख इनामी), शंभु सिंह व अन्य सदस्य मनातू थाना क्षेत्र के जसपुर जंगल में किसी बड़ी नक्सली घटना की योजना बना रहे हैं। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एएसपी (अभियान) राकेश सिंह, एसडीपीओ (हुसैनाबाद) एस. मो. याकुब, डीएसपी (प्रशिक्षु) राजेश यादव तथा सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।
17 मई को तड़के 3:00 बजे पुलिस दल बंसकटिया जंगल पहुंचा। पुलिस को देखकर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की। मुठभेड़ के दौरान सबजोनल कमांडर अखिलेश यादव पुलिस की गोली से घायल हो गया, जबकि अन्य नक्सली जंगल और पहाड़ी इलाकों का फायदा उठाकर फरार हो गए।
वाराणसी में गिरफ्तारी
21 मई को सूचना मिली कि घायल अखिलेश यादव अपने भतीजे आकाश यादव की मदद से वाराणसी के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा है। पलामू पुलिस की एक विशेष टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वाराणसी में दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे पुलिस अभिरक्षा में इलाज के लिए भेजा गया।
आपराधिक इतिहास
अखिलेश यादव उर्फ गौतम यादव पर पलामू और चतरा जिलों में नक्सली गतिविधियों से जुड़े दर्जनों गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें मनातू थाना कांड सं. 27/2020 प्रमुख है, जिसमें IPC की धारा 147, 148, 149, 307, 353 और आर्म्स एक्ट की कई धाराएं लागू हैं।