BHU में हेल्थकेयर फॉर विकसित भारत 2047 के ध्येय पर गहन मंथन, प्रो. टीएम महापात्रा बोले - प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करने की आवश्यकता

BHU
WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के डिस्टिंग्विश प्रोफेसर प्रो. टीएम महापात्रा ने कहा कि जन स्वास्थ्य सेवाएं सभी के लिए जरूरी हैं, यह बड़ी चुनौती भी है। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है ताकि मरीजों को उनके ही क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधा मिल सके। वह एमएसएफबी की हेल्थकेयर समिति, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग स्कूल, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी बीएचयू के संयुक्त बैनर तले शनिवार को आयोजित हेल्थकेयर फॉर विकसित भारत 2047 विषयक केंद्रित गहन मंथन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे।

BHU

उन्होंने कहा कि जहां तक बात विकसित भारत 2047 के संदर्भ में स्वास्थ्य नीतियों की है तो इसके लिए हमें अभी से ही शार्ट टर्म, मीडियम टर्म व लाँंग टर्म रणनीति बनानी होगी, तकनीकी गुणवत्ता बढ़ानी होगी। इसके जरिये ही दूरस्थ क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराना संभव होगा। विशिष्ट अतिथि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने कहा कि यह तकनीकी विकास का दौर है। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से संबंधित तकनीकी विकसित करने के लिए दीर्घकालीन रणनीति की जरूरत है। नए रास्ते निकालने होंगे। 

BHU

अध्यक्षता करते हुए आईआईटी के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि चिकित्सकीय सेवाएं सस्ती होनी चाहिए। चिकित्सकीय सेवा के क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास को और बल देने की जरूरत है। साथ ही उपकरणों की कीमत कम हो और गुणवत्तापूर्ण उपयोग सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय उपकरणों के संदर्भ में आईआईटी में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना को गतिमान किया जा रहा है। रेडियो एवं इमेजिंग, आईएमएस के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष वर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने के लिए पेशेंट फ्रेंडली वातावरण बनाने की आवश्यकता है। विभिन्न क्षेत्र के उद्यमियों को भी जोड़ने की आवश्यकता है। आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस के प्रयोग से इलाज की राह आसान बनाई जा सकती है।

BHU

वक्ताओं ने कहा कि विकसित भारत 2047 की सार्थकता सही मायने में तभी फलीभूत हो सकेगी, जब स्वस्थ्य समाज के सरोकारों के आलोक में स्वास्थ्य नीतियां स्वस्थ बनें। क्योंकि नीतियों के कारण ही जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराना संभव हो पाता है। एमएसएफबी के चेयरमैन डॉ. मनोज कुमार शाह ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता बताई। स्वागत संयोजक डॉ. अंशुमान बनर्जी व रुचि भार्गव ने किया। धन्यवाद डॉ. शिरू शर्मा ने दिया। मंथन में प्रो. संजीव महतो, प्रो. नीरज शर्मा, प्रो. संजय सिंह, प्रो. कौशिक चटर्जी, प्रो. जीएस महोविया, डॉ. अजय प्रताप, डॉ. प्रिय रंजन, डॉ. अतुल कुमार, डॉ. प्रसेनजीन चाणक, डॉ. ज्ञान पी. मोदी, डॉ. प्रांजल चंद्रा, आदित्य विक्रम शाह, जितेंद्र परिहार, डॉ. कृष्ण कुमार, अर्जुन ठक्कर, यश शाह, पंकज चौधरी, दिव्यांशु सिन्हा आदि ने विचार व्यक्त किये।
 

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story