दक्षिणी विधानसभा में आठ वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य का हुआ व्यापक विकास, विधायक नीलकंठ ने समझाया पूरा हिसाब-किताब

वाराणसी। पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्य किए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं और अवस्थापना के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस क्षेत्र का कायाकल्प किया गया है, जिससे स्थानीय नागरिकों को बेहतर जीवन सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।
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22 प्राथमिक और परिषदीय विद्यालयों की संवरी किस्मत
विधायक नीलकंठ तिवारी के मुताबिक, दक्षिणी विधानसभा में कुल 22 प्राथमिक और परिषदीय विद्यालय हैं, जो पहले जर्जर हालत में थे। बीते आठ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इन विद्यालयों का पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण किया गया है।
मछोदरी विद्यालय को भारत के सबसे सुंदर परिषदीय विद्यालय के रूप में विकसित किया गया है। इसके अलावा, राजघाट प्राथमिक विद्यालय, कबीरचौरा जूनियर हाई स्कूल, दुर्गाकुंड प्राथमिक विद्यालय, दुर्गाकुंड जूनियर हाई स्कूल जैसे कई विद्यालयों को नए स्वरूप में निर्मित किया गया है। वहीं, रामघाट परिषदीय विद्यालय, पियरीकला प्राथमिक विद्यालय, पिशाच मोचन प्राथमिक विद्यालय, जैतपुरा जूनियर हाई स्कूल, विजयीपूरा प्राथमिक विद्यालय और पंचयितिया जूनियर हाई स्कूल सहित एक दर्जन विद्यालयों में सुधार कार्य प्रस्तावित हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में हुए कार्यों को मिलाकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं या प्रस्तावित हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की गई है।
चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार, मंडलीय अस्पताल में बढ़ी व्यवस्थाएं
विधायक नीलकंठ ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई है। इस क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित और पुराना चिकित्सालय श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त हो गया है। पहले यहां गंदगी का साम्राज्य था, ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो गई थी और एक्स-रे मशीन तक ठीक से काम नहीं करती थी। लेकिन अब यहां निशुल्क सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस, प्लेटलेट सेपरेटर मशीन, ऑक्सीजन प्लांट, आरटीपीसीआर मशीन, आधुनिक ब्लड बैंक जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
महिला अस्पताल का भी कायाकल्प किया गया है। यहां एमसीएच विंग की स्थापना, उच्चीकरण और नवनिर्माण कार्य पूरे किए गए हैं। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए ढाई हजार ऑक्सीमीटर घर-घर वितरित किए गए थे।
दक्षिणी में किराये के कमरे में चलते थे स्वास्थ्य केंद्र
विधायक के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अक्सर किराए के छोटे भवनों में चलते थे, जिससे मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। दक्षिणी विधानसभा में कोनिया, जैतपुरा, बेनिया, राजघाट और आदि विश्वेश्वर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए नए भवनों का निर्माण किया गया है। इनमें से कोनिया, जैतपुरा और बेनिया में चिकित्सा कार्य शुरू हो चुके हैं, जबकि राजघाट में जल्द ही सेवाएं प्रारंभ होंगी।
बेनिया जच्चा-बच्चा अस्पताल, जो 32 वर्षों से बंद था, उसे पुनः प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा, दुर्गाकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण किया गया है, जहां अब डायलिसिस, सर्जरी, घुटना प्रत्यारोपण और फिजियोथैरेपी जैसी अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध हैं।
मल्टी स्टोरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनेगा मंडलीय अस्पताल
स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए इन कार्यों की कुल लागत लगभग 250 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा, श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय को मल्टी स्टोरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए 216 करोड़ रुपये की प्राथमिक स्वीकृति और 135 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी हो चुकी है।
वार्डों में युद्धस्तर पर हुए विकास कार्य
दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में अवस्थापना के क्षेत्र में भी व्यापक सुधार किए गए हैं। इस दौरान काल भैरव वार्ड, राज मंदिर वार्ड, गड़वासी टोला वार्ड, कामेश्वर महादेव वार्ड और दशाश्वमेध वार्ड की सभी गलियों का पुनर्विकास किया गया है। इनमें सीवर और पानी की पाइपलाइन बदली गई, स्मार्ट पटिया लगाई गई, दीवारों को सुंदर रंग-रोगन किया गया और सड़कें विकसित की गईं।
साथ ही, सूर्यकुंड वार्ड, पिशाच मोचन वार्ड, चेतगंज वार्ड और पियरीकला वार्ड में भी संपूर्ण विकास कार्य पूरे किए गए हैं। इन कार्यों की कुल लागत 200 करोड़ रुपये से अधिक रही है। इसके अलावा, दक्षिणी विधानसभा में कुल 144 छोटे-बड़े ट्यूबवेल हैं, जिनमें से 90 ट्यूबवेल बीते आठ वर्षों में लगाए गए हैं और 16 ट्यूबवेल निर्माणाधीन हैं। इस दौरान चार ट्यूबवेल पर कार्य चल रहा है, जबकि 120 ट्यूबवेल स्थापित किए जा चुके हैं या उनकी स्वीकृति मिल चुकी है।
कोनिया घाट पुल से क्षेत्र को मिला तोहफा
कोनिया घाट पुल का निर्माण भी दक्षिणी विधानसभा में एक बड़ी उपलब्धि है। इस पुल की मांग 1980 के दशक से की जा रही थी, लेकिन सरकारों की उपेक्षा के कारण यह परियोजना अटकी रही। 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इस पुल का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया गया। इस पुल के बनने से क्षेत्र के नागरिकों को यातायात की बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं।