गर्मी में शहरवालों को भी पसंद आ रहा मटके के ठंडे पानी का मीठा स्वाद, देशी फ्रिज की बढ़ी डिमांड
वाराणसी। गर्मी में इस बार ग्रामीण के साथ ही शहरी इलाके में भी देशी फ्रिज की डिमांड बढ़ गई है। लोग बिजली वाले फ्रिज की बजाय देशी फ्रिज मटके के ठंडे पानी का मीठा स्वाद पसंद कर रहे हैं। इससे पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरागत रोजगार में जुटे कुम्हारों को काम मिल गया है। कुम्हार मटके के साथ ही मिट्टी के तरह-तरह के आइटम बना रहे हैं।
गंगापुर इलाके में कुम्हार जाति के लोग मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते है। दुकानदारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों की डिमांड शहर से लेकर गांव तक काफी बढ़ गई है। कई रेट के मिट्टी के बर्तन उपलब्ध हैं। मिट्टी के बर्तनों में कई वैराइटी भी अब बनने लगे हैं। पहले कुम्हार केवल मटका बनाते थे। अब मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार मटकों के साथ-साथ मिट्टी के बोतल जार सुराही गिलास तमाम मिट्टी के बर्तन बनाने लगे हैं।
वहीं दुकानदारों का कहना है कि 50 से लेकर 250 रुपये तक मिट्टी के बर्तन बाजार में उपलब्ध हैं। वहीं ग्राहकों का कहना रहा कि मिट्टी के सुराही व मटके का पानी काफी लाभकारी होता है। यह पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। जिस तरीके से गर्मी बढ़ रही है, उस हिसाब से तो मिट्टी के बर्तनों की डिमांड भी बाजारों में काफी बढ़ती दिख रही है।
दुकानदार संजय प्रजापति ने बताया कि गर्मी में मिट्टी का मटका, सुराही, बोतल आदि की डिमांड काफी बढ़ गई है। इसका पानी स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। होली के बाद से मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ी है।
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