बरेका में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का निर्माण अंतिम चरण में, 12 को होगा दहन, दिन-रात काम में जुटे मुस्लिम कारीगर
रात-दिन काम में जुटे कारीगर
पुतला निर्माण में शामिल शमसाद ने बताया कि इस बार काम थोड़ी देर से शुरू हुआ, जिससे समय पर पुतले तैयार करने के लिए कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं। पुतलों के निर्माण में बांस, कागज, गोंद, और सूती साड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कारीगरों की टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि पुतले समय से तैयार हों और कार्यक्रम में किसी तरह की देरी न हो।
12 अक्टूबर को होगी भव्य आतिशबाजी
बरेका के खेल मैदान पर 12 अक्टूबर को रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। इनके साथ-साथ "सोने की लंका" का भी प्रतीकात्मक निर्माण किया जा रहा है, जो दहन के समय जलाए जाएंगे। पुतलों के दहन के बाद करीब डेढ़ घंटे तक भव्य आतिशबाजी का आयोजन होगा, जो इस पूरे आयोजन को और भी खास बनाएगा।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।