'10 साल में काशी की गुलाबी मीनाकारी को वैश्विक पटल पर मिली पहचान' बनारस के बुनकर बोले – पहले आती थी शर्म, अब होता है गर्व
गुलाबी मीनाकारी की कारीगर तनु यादव ने कहा कि हमलोग इस काम को 4-5 वर्षों से कर रहे हैं। इसी काम को हम और आगे बढ़ाना चाहते हैं। कहा कि जेपी नड्डा ने जी हम बुनकरों के बारे में सोचा, ये हमें काफी अच्छा लगा। लगा कि कोई तो है, जो हमलोगों के बारे में सोच रहा है।
गायघाट के रहने वाले कुंज बिहारी ने बताया कि पिछले दस सालों में हमारे जीवन और काम में काफी बदलाव आया है। पहले खुद को गुलाबी मीनाकारी का कारीगर कहने में शर्म आती थी, आज मोदी जी ने इसे अलग पहचान दी है। जो लोग इस काम को छोडकर और कामों में लग गये थे, वह आज वापस लौट आए। मोदी जी के कार्यकाल में गुलाबी मीनाकारी को वैश्विक पटल पर पहचान मिली है।
वाराणसी की पूनम यादव ने कहा कि यह उनका पुश्तैनी काम है। इसमें पहले चरम नही था। बाजार भी ठीक नहीं था, लेकिन अब इस उद्योग में चार्म आया है। ऐसे में पिछले दो सालों से इस कला को सीख रही हूं।
महिला कारीगर सगीता यादव ने बताया कि जेपी नड्डा ने कहा कि गुलाबी मीनाकारी का काम आगे बढ़ा है। हमने मांग किया है कि जैसे यह काम अभी संचालित हो रहा है, वैसे ही यह आगे भी चलता रहा।
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