आईआईटी-बीएचयू में सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को जमानत मिलने पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन, निकाला आक्रोश मार्च
वाराणसी। पिछले साल नवंबर में आईआईटी-बीएचयू की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को जमानत मिलने के विरोध में बीएचयू के छात्रों ने सोमवार विश्वनाथ मंदिर पर एक विरोध सभा आयोजित की और लंका गेट तक आक्रोश मार्च निकाला।
जब पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर गहरा आक्रोश है, ऐसे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आईआईटी-बीएचयू के बलात्कारियों को जमानत देना न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। छात्राओं ने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी सत्ताधारी बीजेपी के आईटी सेल के सदस्य हैं। बीजेपी, जो चुनावों में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है, लेकिन अपने ही पार्टी के बलात्कारियों को संरक्षण देती है, इससे उनके महिला विरोधी रवैये की ओर इशारा मिलता है।
कैंपस में घटित गैंगरेप की घटना के आरोपियों के खुलासे के बाद जिला और बीएचयू प्रशासन इसे दबाने की कोशिश में जुटे हुए थे, लेकिन छात्रों के लगातार आक्रोश प्रदर्शन के दबाव में बीजेपी सरकार की पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करना पड़ा। इसलिए इन अपराधियों को मिली जमानत पर सभी छात्र गुस्से में हैं।
सभा में शामिल छात्राओं ने कहा कि अगर देश को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाना है, तो न्यायप्रिय और संवेदनशील लोगों को आगे आकर सड़कों पर उतरना होगा और अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। छात्राओं ने आरोपियों की जमानत को पूरी तरह से खारिज करने और उन्हें कठोर सजा देने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन में इप्शिता ने संचालन किया, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के महेंद्र और अन्य साथियों ने कविता, भाषण और गीत के माध्यम से दुष्कर्म की संस्कृति के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। मार्च में काजल, आकांक्षा, सिद्धि, निधि, अंकिता, वंदना, आदर्श, सुधीर, मोहित, मुकेश, अविनाश, ऋषिकेश और अन्य 100 से अधिक छात्र शामिल हुए।
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