IIT BHU ने टेक स्टार्टअप्स के लिए शुरू किया इन्क्यूबेशन कार्यक्रम, 20 लाख तक की फंडिंग
वाराणसी। IIT BHU ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संस्थान के I-DAPT हब फाउंडेशन ने डेटा एनालिटिक्स और प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजीज (DAPT) पर केंद्रित टेक स्टार्टअप्स के लिए एक स्टार्टअप इनक्यूबेशन कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम प्रारंभिक चरण के उद्यमियों को उनके नवाचारों को व्यावसायिक सफलता में बदलने के लिए संसाधन और सहायता प्रदान करेगा।
I-DAPT हब के परियोजना निदेशक प्रो. राम शरण सिंह ने बताया कि यह पहल स्टार्टअप्स को कार्यालय स्थान, तकनीकी और कानूनी सहायता, बाज़ार तक पहुंच, मार्गदर्शन और ₹20 लाख तक की फंडिंग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, “यह सहायता उन स्टार्टअप्स के लिए है जो भारत में पंजीकृत हैं और DAPT टेक्नोलॉजीज़ पर आधारित नवाचारों पर काम कर रहे हैं।” पात्र स्टार्टअप्स, जो वाणिज्यिक दृष्टि से व्यवहार्य उत्पाद या सेवाओं पर कार्यरत हैं, आवेदन के लिए प्रोत्साहित किए गए हैं। आवेदन संबंधी जानकारी और दिशा-निर्देश https://www.idapthub.org/applications/startup_incubation पर उपलब्ध हैं।
IIT (BHU) के डीन (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. राजेश कुमार ने इस पहल को “मेक इन इंडिया”, “विकसित भारत” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे राष्ट्रीय अभियानों के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जो टेक्नोप्रेन्योर्स को प्रभावशाली और स्केलेबल समाधान बनाने में सक्षम बनाए।”
संस्थान के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने जोर देकर कहा, “IIT (BHU) नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। I-DAPT हब फाउंडेशन के माध्यम से हम स्टार्टअप्स को न केवल फंडिंग और मार्गदर्शन प्रदान करना चाहते हैं, बल्कि उन्हें ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं जो वास्तविक समस्याओं का समाधान करे और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे।”
I-DAPT हब फाउंडेशन के बारे में जानें
I-DAPT हब फाउंडेशन, IIT (BHU), वाराणसी में स्थापित एक धारा 8 कंपनी और प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन केंद्र है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करना तथा उन्हें व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य और सामाजिक रूप से प्रभावशाली उत्पादों व सेवाओं में बदलना है, ताकि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आर्थिक विकास को गति मिले।

