किसी के पानी में डूबते ही बचावकर्मियों के मोबाइल पर बजेगा अलार्म, IIT-BHU ने तैयार किया अत्याधुनिक सेंसर

वाराणसी। IIT-BHU ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी सफलता हासिल करते हुए नदियों, तालाबों और अन्य जलस्रोतों में डूबने की घटनाओं को रोकने वाला सेंसर आधारित उपकरण विकसित किया है। यह उपकरण ईसीजी मशीन की तरह दिखता है और यह गोताखोरों, जल पुलिस और बचावकर्मियों के मोबाइल पर तत्काल सूचना भेजकर जीवनरक्षक भूमिका निभाएगा।
यह सेंसर डूब रहे व्यक्ति की लोकेशन की जानकारी भी तुरंत भेजेगा, जिससे बचाव दल समय रहते मौके पर पहुंचकर जान बचा सकेगा। इसे कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. प्रसेनजीत चानक और उनकी टीम ने विकसित किया है। यह पोर्टेबल कर्ब-ड्राउनिंग मॉनिटरिंग सिस्टम अब पेटेंट भी प्राप्त कर चुका है।
यह उपकरण रीयल-टाइम सेंसर और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करता है, जो डूबने की आशंका के प्रारंभिक संकेतों को पहचानकर तत्काल अलर्ट भेजता है। बैटरी से संचालित यह सिस्टम 24 घंटे लगातार कार्य करता है और खासतौर पर स्नानार्थियों, तैराकों और मछुआरों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
उपकरण व्यक्ति की हृदय गति, लोकेशन और जल की गहराई जैसे स्वास्थ्य संकेतकों की लगातार निगरानी करता है। IIT-BHU का यह नवाचार जलसुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे हर साल डूबने से होने वाली सैकड़ों जानें बचाई जा सकेंगी। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में इसका उपयोग बढ़ाया जाने की संभावना है।