IIT BHU ने मटेरियल साइंस में शीर्ष 500 वैश्विक संस्थानों में बनाई जगह, 14 विशिष्ट विषयों में मिली रैंकिंग

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वाराणसी। आईआईटी बीएचयू ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रतिष्ठित क्यूएस (Quacquarelli Symonds) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बाय सब्जेक्ट 2025 में, संस्थान ने मटेरियल साइंस विषय में 401-550 रैंकिंग समूह में स्थान प्राप्त किया है। यह रैंकिंग 12 मार्च को जारी की गई थी। इसके अलावा, संस्थान ने इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के व्यापक संकाय क्षेत्र में 501-550 स्थान प्राप्त किया है, जिससे इसकी वैश्विक साख और मजबूत हुई है।

आईआईटी बीएचयू को इस रैंकिंग में चार व्यापक विषय क्षेत्रों - इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी, प्राकृतिक विज्ञान, जीवन विज्ञान और चिकित्सा, तथा सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन - के तहत कुल 14 विशिष्ट विषयों में रैंकिंग मिली है। 

संस्थान की उल्लेखनीय रैंकिंग
इस वर्ष पहली बार, आईआईटी बीएचयू ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बाय सब्जेक्ट में इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के व्यापक संकाय क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस वर्ष संस्थान ने निम्नलिखित विशिष्ट विषयों में वैश्विक स्तर पर रैंकिंग प्राप्त की है।


•    मटेरियल साइंस: 401-550
•    इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग: 501-550
•    भौतिकी और खगोल विज्ञान: 601-675
•    रसायन विज्ञान: 601-700
•    कंप्यूटर साइंस और सूचना प्रणाली: 751-850
इनमें से मटेरियल साइंस में संस्थान ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर शीर्ष 500 प्रतिष्ठित संस्थानों के समूह में शामिल हो गया है।

क्यूएस रैंकिंग का महत्व
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बाय सब्जेक्ट एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मूल्यांकन है, जो संस्थानों का आकलन पांच प्रमुख संकेतकों के आधार पर करता है।


1.    अकादमिक प्रतिष्ठा
2.    नियोक्ता प्रतिष्ठा
3.    प्रति शोध पत्र उद्धरण
4.    एच-इंडेक्स
5.    अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क

निदेशक ने दी बधाई
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं, कर्मचारियों और छात्रों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को रेखांकित करते हुए कहा कि "हमने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों के साथ सहयोग को बढ़ाया है, जिससे हमारा वैश्विक अनुसंधान नेटवर्क मजबूत हुआ है। हम निरंतर प्रयासरत हैं कि हम अपनी शोध क्षमताओं को और उन्नत करें और वैश्विक रैंकिंग में अपनी स्थिति को और बेहतर बनाएं।"

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