भावी इंजीनियरों में उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए आईआईटी (बीएचयू) और आईआईटी मद्रास ने शुरू किया दो-सप्ताह का उद्यमिता कोहोर्ट
वाराणसी। तकनीकी शिक्षा के साथ उद्यमिता कौशल को जोड़ते हुए आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी और आईआईटी मद्रास के गोपालकृष्णन देशपांडे सेंटर (जीडीसी) ने I-NITIATE कार्यक्रम के अंतर्गत दो-सप्ताह का उद्यमिता कोहोर्ट प्रारंभ किया है। यह पहल भावी इंजीनियरों, शोधकर्ताओं और नवाचारकर्ताओं को भविष्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए तैयार करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में संचालित किया जा रहा है, जिसमें 8 से 10 दिसंबर 2025 तक इन-पर्सन कार्यशालाएं आयोजित हो रही हैं। इस उद्यमिता कोहोर्ट का उद्देश्य प्रतिभागियों को अपनी तकनीक, विचारों और नवाचारों को व्यावहारिक धरातल पर परखने, रणनीतिक एवं विश्लेषणात्मक सोच को मजबूत करने तथा उद्यमशील मानसिकता विकसित करने के लिए प्रेरित करना है। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. एम. के. मेश्राम, प्रोफेसर इन-चार्ज, एंटरप्रेन्योरशिप एवं इन्क्यूबेशन, आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी हैं।
जीडीसी, IIT मद्रास के विशेषज्ञ लेंगे गहन प्रशिक्षण सत्र
तीन दिवसीय इन-पर्सन कार्यशाला में उद्यमिता और नवाचार क्षेत्र के अनुभवी विशेषज्ञ प्रशिक्षण दे रहे हैं। इनमें शामिल हैं—
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डॉ. आर. रघुत्तम राव, सीईओ, जीडीसी
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श्री साईराम एम, जनरल मैनेजर
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श्री आनंद के. वी., चीफ इनोवेशन ऑफिसर
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श्री सुब्रमणियन एम, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर
ये विशेषज्ञ प्रतिभागियों को विचार-मंथन आधारित गतिविधियों, प्रायोगिक अभ्यास, समस्या समाधान, जोखिम विश्लेषण और स्टार्टअप निर्माण के प्रारंभिक सिद्धांतों पर प्रशिक्षण दे रहे हैं। सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को अपनी आंतरिक क्षमताओं को पहचानने, आत्मविश्वास बढ़ाने और उद्यमिता के वास्तविक परिदृश्य को समझने में सक्षम बनाना है।
ऑनबोर्डिंग से लेकर चयनित टीमों तक हुई संरचित शुरुआत
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत 1 दिसंबर 2025 को 2.5–3 घंटे के ऑनलाइन ऑनबोर्डिंग सत्र से हुई, जिसमें प्रतिभागियों को कार्यक्रम की रूपरेखा, लक्ष्य और अपेक्षित परिणामों से अवगत कराया गया। इसके बाद संकाय सदस्यों और छात्रों की संयुक्त टीमों का चयन किया गया, जिन्होंने इन-पर्सन कार्यशाला में भाग लेने के लिए योग्यता प्राप्त की।
I-NITIATE यात्रा की औपचारिक शुरुआत
8 से 10 दिसंबर 2025 तक आयोजित इन-पर्सन कार्यशाला I-NITIATE उद्यमिता यात्रा की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो. अमित पात्रा, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी द्वारा किया जाएगा। वे प्रतिभागियों को आत्म-अन्वेषण, कौशल विकास, नवाचार और उद्यमशीलता के परिवर्तनकारी मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
तकनीकी शिक्षा से आगे बढ़कर उद्यमशीलता की ओर कदम
यह पहल इंजीनियरिंग छात्रों को केवल तकनीक का उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि तकनीक-आधारित समाधान और स्टार्टअप के निर्माता बनने की दिशा में प्रोत्साहित करती है। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में उद्यमिता का आत्मविश्वास जगाना, बाजार की जरूरतों को समझने की क्षमता विकसित करना तथा नवाचारों को व्यावहारिक व्यवसाय में बदलने की समझ प्रदान करना है।
आईआईटी (बीएचयू) और आईआईटी मद्रास की संयुक्त पहल भविष्य के तकनीकी उद्यमियों को उभरती अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करने का एक सुदृढ़ प्रयास है।

