पेट दर्द, ऐंठन, मल में रक्त, दस्त, वजन घटना और भूख में कमी की है शिकायत, तो BHU गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में 19 मई को आयोजित होंगे विशेष जागरूकता कार्यक्रम

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वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (IBD) दिवस 19 मई 2025 को मनाया जाएगा। इस अवसर पर विभाग द्वारा मरीजों और आम लोगों को IBD के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

विभागाध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव ने बताया कि IBD क्लीनिक, जो उनके नेतृत्व में संचालित हो रही है, इसमें वर्ष 2021 से अब तक 1388 मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। भारत में IBD के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अनुमानित रूप से लगभग 15 लाख भारतीय इस बीमारी से ग्रस्त हैं। IBD एक दीर्घकालिक प्रजाजनक स्थिति है, जिसमें मुख्य रूप से क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस शामिल हैं, जो आंतों में प्रदाह का कारण बनती हैं।

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IBD के लक्षणों में पेट दर्द, ऐंठन, मल में रक्त, दस्त, वजन घटना और भूख में कमी शामिल हैं। निदान के लिए सिटी स्कैन, एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड, कोलोनोस्कोपी और मल जांच जैसे तरीके अपनाए जाते हैं।

आहार संबंधी सलाह में मरीजों को छाछ, दही, केला, दलिया, छिलके रहित मिक्स सब्जियां, लौकी, कट्टू और तरोई खाने की सलाह दी गई है। वहीं, डिब्बाबंद भोजन, दूध, लाल मांस, तेल-मसालेदार भोजन, कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर, प्रोसेस्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से बचने को कहा गया है।

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डॉ. यादव ने बताया कि 19 मई को अस्पताल के डॉक्टर्स लाउंज में विभाग के विशेषज्ञ मरीजों को IBD के बारे में जागरूक करेंगे। इस कार्यक्रम में पंजीकृत और नए मरीज भारी संख्या में भाग लेंगे। विश्व IBD दिवस का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, खुली चर्चा को प्रोत्साहित करना, बेहतर उपचार विकसित करना और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

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