संघ शताब्दी वर्ष पर रोहनिया में हिंदू सम्मेलन व भव्य कलश यात्रा, जय श्रीराम के नारों से गूंजा क्षेत्र
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रोहनिया क्षेत्र के शहावाबाद में रविवार को भव्य हिंदू सम्मेलन एवं कलश शोभायात्रा का आयोजन किया गया। ग्राम प्रधान मनीष जायसवाल के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में आस्था, उत्साह और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
कलश यात्रा में महिलाओं की उमड़ी भारी भीड़
रविवार सुबह लगभग 10 बजे निकाली गई कलश शोभायात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। महिलाएं सिर पर कलश धारण कर लंबी कतार में “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारों के साथ आगे बढ़ती रहीं। कलश यात्रा की शुरुआत दरेखु स्थित हनुमान मंदिर से हुई, जो शहावाबाद बाजार होते हुए प्राचीन शिव धाम मंदिर तक पहुंची। पूरे मार्ग में भक्तिमय माहौल बना रहा।
पूर्व विधायक ने झंडी दिखाकर किया शुभारंभ
कलश शोभायात्रा का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं रोहनिया के पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने झंडी दिखाकर किया। उनके साथ आयोजन समिति के पदाधिकारी और स्थानीय गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।
हिंदू सम्मेलन में एकता और समरसता का संदेश
प्राचीन शिव धाम मंदिर परिसर में आयोजित हिंदू सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रमेश जी (प्रांत प्रचारक, काशी प्रांत) ने हिंदू समाज को एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने हिंदू संस्कृति पर बुरी नजर रखने वालों और समाज को जातिगत आधार पर बांटने की कोशिशों के खिलाफ सजग रहने का संदेश दिया। साथ ही सामाजिक समरसता, एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने पर जोर दिया।
अतिथियों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधान मनीष जायसवाल और दीपक जायसवाल द्वारा मंचासीन अतिथियों का अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत एवं सम्मान किया गया। आयोजन समिति ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।
बड़ी संख्या में लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर रवि सिंह, दीपक जायसवाल, ग्राम प्रधान मनीष जायसवाल, सलिलम, आर्यन मोदनवाल, उमंग, निखिल, संजय गुप्ता, दीपक सिंह, विजय चिलमा, विक्की मिश्रा, दिलीप गुप्ता, विकास दुबे, देवनाथ मिश्रा, सुशांत नारायण सिंह, विपिन विशाल, अनिल सेठ, पंकज मिश्रा सहित ज्योतिस्मिता, राधा, पूनम, आरती, अंजनी, संगीता, ज्योति जायसवाल, स्वाति समेत बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष मौजूद रहे।
कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने कहा कि संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर ऐसे आयोजनों से समाज में एकता, सांस्कृतिक चेतना और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

