ठंड में बढ़ रही हार्ट अटैक की घटनाएं : युवा भी खतरे में, डॉक्टर ओमशंकर ने बताए सुरक्षित रहने के टिप्स 

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वाराणसी। सर्दी बढ़ते ही हृदय रोगियों के लिए खतरा भी तेजी से गहरा रहा है। तापमान में गिरावट का सीधा असर दिल पर पड़ता है, जिसके कारण हार्टअटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह चिंताजनक तथ्य है कि यह समस्या अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के पूर्व हृदय रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ओम शंकर ने सावधानी, जागरुकता और समय पर उपचार को बेहद महत्वपूर्ण बताया है।

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डॉ. ओमशंकर के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को अचानक सीने में अत्यधिक दर्द महसूस हो, ऐसा लगे कि छाती पर बहुत भारी वजन रखा हो या दबाव बढ़ रहा हो, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह हार्ट अटैक का शुरुआती और गंभीर संकेत हो सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपातकाल में मरीज डॉक्टर की पहले से दी गई सलाह के अनुसार एस्प्रिन की एक गोली ले सकता है, लेकिन इसे उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। जितनी जल्दी अस्पताल पहुंचकर जांच शुरू होगी, उतनी ही जीवन बचाने की संभावना बढ़ जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद दिल से जुड़ी बीमारियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पहले हार्ट अटैक ज्यादातर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता था, लेकिन अब 20 से 25 वर्ष के युवा भी इस खतरे का सामना कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, शारीरिक श्रम में कमी, मानसिक तनाव और मोबाइल व गैजेट्स का अत्यधिक उपयोग है। देर रात तक फोन का उपयोग मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

डॉ. ओमशंकर ने बताया कि 2011 में बीएचयू में उन्होंने जब अपनी सेवाएं शुरू की थीं, तब सप्ताह में तीन दिन कार्डियोलॉजी ओपीडी संचालित होती थी और प्रतिदिन करीब 30–35 मरीज पहुंचते थे। लेकिन आज यह संख्या कई गुना बढ़ चुकी है। अब सप्ताह में छह दिन ओपीडी चलती है और रोजाना 400 से अधिक हृदय रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि हृदय रोग किस तेजी से बढ़ रहे हैं।

उन्होंने सरकार, मीडिया, शिक्षण संस्थानों और समाज से अपील की कि हृदय रोगों से बचाव और जागरूकता पर बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाएं। लोग यदि बीमारी के शुरुआती लक्षण, कारण और रोकथाम के तरीकों के बारे में जानेंगे, तो समय रहते उपचार संभव होगा और गंभीर स्थितियों से बचा जा सकेगा। अंत में उन्होंने ठंड के मौसम में दिल को सुरक्षित रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना, धूम्रपान से दूरी और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की सलाह दी।

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