रुंगटा परिवार को धमकाने के मामले में टली सुनवाई, सजा के खिलाफ कोर्ट में मुख़्तार की ओर से अपील
इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए पांच फरवरी की तिथि निर्धारित की है। पिछले तिथि पर प्रभारी जिला जज ने अपील को सुनने के बाद इस मामले में मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगाते हुए अपील पर सुनवाई के लिए 29 जनवरी तिथि नियत की थी। साथ ही जिला जज ने एमपी एमएलए से सबंधित कोर्ट में अपील को सुनवाई के लिए स्थानातरण कर दिया था। इस मामले में पिछले 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया था।
इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की। प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की। जिला जज ने अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगा दी।
ये है पूरा मामला
प्रकरण के मुताबिक, भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर के रहने वाले चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंद किशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 के अपहरण के मामले में उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था, जो मंजूर कर लिया गया। इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था।
इसी बीच रुंगटा परिवार को पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी का धमकी भरा फोन आया। कहा कि संभल जाओ, पैरवी करना बंद कर दो। तुम लोग पुलिस में, कोर्ट में या सीबीआई में शिकायत करना बंद कर दो। नहीं तो तुम लोगों को बम से उड़ा दिया जाएगा। तुम्हारा घर बम से उड़ा दिया जाएगा। पुलिस को कोई खबर मत करना। महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर बचाव की गुहार लगाई। डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया था।
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