मुख़्तार के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में पूरी हुई सुनवाई, 12 मार्च को कोर्ट के ओर से फैसला आने की उम्मीद

MUKHTAR ANSARI
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वाराणसी। फर्जीवाड़ा कर 35 साल पहले दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में कोर्ट में मंगलवार  को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए   अवनीश कुमार गौतम की कोर्ट  में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनो पक्षों के बहस और रूलिंग सबंधित सभी  प्रक्रिया पूरी होने के बाद फैसले के लिए तिथि नियत की है। कोर्ट इस मामले में 12 मार्च को फैसला सुनाएगी। 

कोर्ट में  आरोपी मुख्तार अंसारी की ओर से  वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने पहले  लिखित बहस के साथ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कुछ रूलिंग भी दाखिल कर चुके हैं।  मंगलबार को अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला व एडीजी सी विनय सिंह ने  रूलिंग दाखिल की है। इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से  सहयोगी   अधिवक्ता  आदित्य वर्मा , शिवम सिंह और शाहनवाज परवेज  कोर्ट में मौजूद रहे। 

37 वर्ष पुराना है मामला

बता दें मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप है कि दस जून 1987 को दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था। इस फर्जीवाड़ा का उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार अंसारी,तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। 

जांचोपरांत तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दी गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उनके विरुद्ध वाद 18 अगस्त 2021 को समाप्त कर दिया गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन,पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत दस गवाहों का बयान दर्ज किया गया है।

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