ज्ञानवापी के मूल वाद की टली सुनवाई: वजूस्थल समेत बाकी के हिस्सों का सर्वे कराने की हुई है मांग, अब ASI से सामने आएगा सच

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वाराणसी। ज्ञानवापी के मूलवाद में सोमवार को पीठासीन अधिकारी के मौजूद न रहने पर सुनवाई टल गई। अब इसके लिए कोर्ट के ओर से 16 फरवरी की तय की है। इस मुकदमे में ज्ञानवापी परिसर के उस हिस्से का सर्वे कराने के लिए याचिका दायर की गई है, जिसका ASI सर्वे अभी तक नहीं हुआ है। 

याचिका में मांग किया गया है कि अधिवक्ता कमीशन के सर्वे के दौरान वजूखाने में मिले पत्थरनुमा आकृति की ASI जांच हो, जिससे यह पता लग सके कि वह शिवलिंग है अथवा फव्वारा। पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण इस सुनवाई की तारीख बढ़ाकर 16 फरवरी कर दी गई। इस मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों को नोटिस देकर तलब किया है। 

वादी अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज सीनियर डिवीज़न प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में याचिका दायर की गई है। जिनका अभी तक सर्वे नहीं हुआ है। ASI ने परिसर के सर्वे में भी इन स्थलों को छोड़ दिया था। 

वाराणसी फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष याचिका दायर करते हुए ज्ञानवापी मूल वाद का हवाला दिया गया है। रस्तोगी ने तर्क दिया कि पिछले साल ASI के सर्वे के दौरान जमीन भेदने वाला रडार विफल रहा है। 

याचिका दायर करने के बाद मूल केस संख्या 610/1991 स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर बनाम इन्त्म्जमिया मस्जिद में वादी अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि पिछली जांच में प्लाट 9130 सहित परिसर के अधिकांश हिस्सों में शामिल किया गया था।
 

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