Gyanvapi: ज्ञानवापी के कूप को ढकने के मामले में 15 मई को हिंदू पक्ष दाखिल करेगा जवाब, अंजुमन ने वक्फ की संपति का किया है दावा
बुधवार को बहस के दौरान एक नया तथ्य सामने आया। जिसमें कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में जिस स्थान पर कथित ज्ञानवापी मस्जिद निर्मित है, उसी परिसर में वर्ष 1991 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक शाखा लगाया करते थे। जिन्हें 1991 में बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। जिसके जवाब में कहा कि इस दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य वादी ने दाखिल नही किया है
कोर्ट में बहस के दौरान अंजुमन के वकीलों का तर्क था कि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है, वह फव्वारा है। इस पर वादीपक्ष के अधिवक्ता नित्यानन्द राय ने कड़ा ऐतराज जताया। अंजुमन की तरफ से यह भी बहस किया गया कि वादी को मुकदमा करने का अधिकार नहीं है। दावा वक्फ एक्ट,प्लेसेज आफ वर्शिप एक्ट, लिमिटेशन एक्ट, स्पेशिफिक रिलिफ एक्ट के खिलाफ जाकर दाखिल किया गया है। इसलिये दावा चलने योग्य नही है, इसे खारिज किया जाय।
जानकारी के मुताबिक बजरडीहा भेलुपुर के विवेक सोनी व चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव ने अपने अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीज़न की अदालत मे 25 मई 2022 को याचिका दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने गुहार लगाया था कि आदिज्योतिलिंग श्री काशी विश्वनाथ जो नंदीजी के मूर्ति के सामने है, जिसे कुप बनाकर कथित ज्ञानवापी मस्जिद से संबधित लोगों के द्वारा ढक दिया गया है। उसके पुजा पाठ, भोग प्रसाद, शयन आरती, मंगला आरती, दुग्धाभिषेक आदि कार्य मे विधि विरूद्ध तरीके से कोई अवरोध या व्यवधान ना डाले।
मुकदमे मे यूपी सरकार जरिये मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास बोर्ड जरिये मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अंजुमन इन्तेजामिया मस्जिद बनारस समेत कुल पांच को विपक्षी बनाया गया है।
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