ज्ञानवापी: लार्ड विश्वेश्वर मामले में पक्षकार बनाने के मामले में कल होगी सुनवाई, वादी की ओर से होगा बहस
पिछले माह सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक अदालत ने हरिहर पांडेय (पूर्व पक्षकार) के निधन होने के बाद उनके बेटों को पक्षकार बनाने की अर्जी खारिज कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में निगरानी अर्जी दाखिल की थी । जिसपर सुनवाई चल रही है। हरिहर पांडेय के निधन के बाद वारिसन के रूप में इस मुकदमे में पक्षकार बनाने के लिए दोनो बेटे प्रणय पांडेय व करण शंकर पांडेय की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गई। पिता की जगह उन्हें पक्षकार बनाने की मांग की गई थी।
कोर्ट में वाद मित्र की ओर से कहा गया कहा गया था कि यह वाद जनहित वाद है। इसमें कोई जरूरी नहीं है कि वादी की मृत्यु के बाद उनके वारिस को पक्षकार बनाया जाए। अभी अपना बहस जारी रखे है। इसे पहले निगरानी कर्ता के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और सुभाषनंदन चतुवेर्दी ने कहा था कि यह व्यक्तिगत वाद है। तीन लोगों ने यह वाद दाखिल किया था। ऐसे में मृतक वादी के वारिसान भी पक्षकार बन सकते हैं। राम मंदिर प्रकरण का भी हवाला दिया गया। लोअर कोर्ट ने सरसरी तौर से विधि विरुद्ध उसके अर्जी खारिज की है। लोअर कोर्ट के आदेश निरस्त करते हुए हरिहर पांडेय की जगह उनके पुत्रों को पक्षकार बनाने की गुहार लगाई है।
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