ज्ञानवापी: सम्पूर्ण परिसर के एएसआई सर्वे की अर्जी पर अंजुमन इंतेजामिया की बहस शुरू, 4 सितम्बर को होगी अगली सुनवाई
यह मामला 1991 से अदालत में लंबित है, जिसमें प्राचीन लार्ड विश्वेश्वर के मालिकाना हक और पूजा-पाठ का अधिकार हासिल करने की मांग की गई है। हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश पर वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने ज्ञानवापी परिसर के सम्पूर्ण एएसआई सर्वे की मांग की है। हालांकि, पिछले वर्ष एक अन्य मामले में जिला जज के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराया गया था, लेकिन इस दौरान वुजूखाना, बंद तहखानों और गुंबद के नीचे का सर्वे नहीं किया जा सका क्योंकि अदालत ने बिना खुदाई के सर्वे का आदेश दिया था।
वादमित्र ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि गुंबद के नीचे लार्ड विश्वेश्वर का गर्भगृह है और वहां एक अष्टकोणीय भवन के बीच में 100 फीट गहरे शिवलिंग की उपस्थिति है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वुजूखाना में सामने आई शिवलिंग की आकृति की वैज्ञानिक जांच भी की जाए।
अंजुमन इंतेजामिया की ओर से वकील मुमताज अहमद और अखलाक अहमद ने बहस करते हुए कहा कि एएसआई ने अपनी रिपोर्ट पहले ही कोर्ट में पेश कर दी है और किसी नए सर्वे की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञानवापी के अंदर खुदाई से ढांचे के ढहने का खतरा हो सकता है और वुजूखाना एक फव्वारा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सील किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है कि ज्ञानवापी के अंदर बिना इजाजत के कोई कार्य नहीं किया जा सकता। अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया की बहस को अगली सुनवाई तक जारी रखने का आदेश दिया है।
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