Guru Purnima 2024 : मठ-आश्रमों में जीवंत हुई गुरु-शिष्य परंपरा, पूजे गए गुरु, भक्तों ने पांव पखारकर लिया आशीर्वाद
वाराणसी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को काशी के विभिन्न मठ और आश्रमों में गुरु-शिष्य की सनातन परंपरा जीवंत हो गई। इस दौरान गुरुओं की विधिविधान से पूजा की गई। भक्तों ने गुरुओं की पूजा कर और पांव पखारकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान आश्रमों में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। वहीं आश्रमों के आसपास मेले जैसा दृश्य रहा। भक्तों की भीड़ से आश्रम देर रात तक गुलजार रहे।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ शिवपुरी कॉलोनी नगवा में दर्शन पूजन के लिए गायत्री परिवार के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कार्यक्रम व्यवस्थापक रमाकांत पाठक की देखरेख में मंचासीन पंडित विद्याधर मिश्र, अयोध्या प्रसाद ,हरिशंकर मिश्रा, वीरेंद्र सिंह ने वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य गुरुजी तथा माता भगवती देवी तथा मां गायत्री के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए लोगों को बिधिवत मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ पूर्णाहुति कराया। डॉ उषा किरण सिंह एवं मंजू केसरी द्वारा विद्यारंभ, पुंसवन संस्कार,उपनयन संस्कार, दीक्षा संस्कार सहित विभिन्न प्रकार के संस्कार कराया गया। युवा प्रकोष्ठ के टीम के साथ बृजेश चौहान तथा उमेश ने आयोजित विशाल भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आनंद कुमार शर्मा, पारसनाथ तिवारी, रमेश चंद, आचार्य रामजी सिंह आदि रहे।
संत रविदास पार्क नगवा लंका स्थित श्री दुर्गा मातृ छाया शक्तिपीठ में दो दिवसीय से गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान रविवार को प्रातः काल 7:00 बजे देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने अपने गुरु के चरण पादुका का विधि विधान से पूजन अर्चन किया। साध्वी ने गीताम्बा तीर्थ का पूजन अर्चन करने के लिए भक्तों में होड़ मच गई। इसके बाद दंडी सन्यासियों एवं गृहस्थों का भंडारा हुआ, जिसमें सैकड़ो लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके अलावा देउरा स्थित स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के आश्रम में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। भक्तों ने अपने गुरुदेव का चरण पखारे और विधिविधान के साथ आरती भी उतारी। इस दौरान नरेंद्रानंद सरस्वती ने विश्व शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में आतंकवादी, उग्रवादी ताकतें अशांति फैला रही हैं। इन्हें खत्म करने की जरूरत है। वहीं दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए प्रयास होना चाहिए। इससे धर्म की स्थापना होगी और लोकमंगल की भावना को बल मिलेगा।
गुरु पूर्णिमा पर हुआ नौकुंडीय गायत्री महायज्ञ
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवं गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट के संयोजन में गायत्री शक्तिपीठ, दानूपुर, गायत्री शक्तिपीठ, फूलपुर, गायत्री शक्तिपीठ बड़ा गांव,प्रज्ञा मण्डल, चांदपुर एवं अनेकों प्रज्ञा मण्डल, महिला मण्डल एवं युवा मंडलों में समर्पण, विसर्जन एवं विलय का महापर्व गुरु पूर्णिमा महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। इसी कड़ी में गायत्री शक्तिपीठ, दानूपुर, चांदमारी वाराणसी में जिला समन्वयक पण्डित गंगाधर उपाध्याय के संयोजन में नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ गुरू पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। डॉक्टर पूनम सिंह, सावित्री सिंह, रुचि सिंह एवं कुमारी सपना सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में अग्निहोत कराया। कार्यक्रम में 17 लोगों को गुरू दीक्षा संस्कार,17 लोगों को यज्ञोपवीत संस्कार तीन बच्चों का विद्यारंभ संस्कार एवं 02 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार से संस्कारित किया गया। गायत्री शक्तिपीठ, बड़ागांव में श्री श्रीनाथ मौर्य के संयोजन में नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। इस दौरान राजेश शास्त्री, कथा वाचक अर्चना मिश्रा, युग गायक नरेन्द्र मिश्रा, युग वादक सक्षम मिश्रा, बेचू लाल, आचार्य कृष्ण कुमार, पण्डित गंगाधर उपाध्याय, सत्यप्रकाश गुप्ता, जनार्दन पाण्डेय, ओम कुमार, हरिशंकर मौर्य, छोटे लाल समेत अन्य रहे।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।