‘आतंकवादियों को शहीद का दर्जा देना कतई बर्दाश्त नहीं’ काशी पहुंचे जगतगुरु परमहंस आचार्य ने गजवा ए हिंद पर कह दी बड़ी बात
वाराणसी। अयोध्या के तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य शनिवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन और जलाभिषेक करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अभी कुछ दिन पहले हम लोगों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया था फिर दर्शन करने आया हूं।
कहा कि अभी दारुल उलूमा देवबंद ने एक फतवा जारी किया है की गजवा ए हिंद में मरने वाला जो मुल्ला है, वह सबसे बड़ा शहीद है, इससे बेहद आपत्ति है। गजवा ए हिंद का मतलब है – ‘भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश’। हिंदुओं की कत्ल करने की साजिश। ये लोग कत्ल करने वाले को शहीद बता रहे हैं। यह देश के लिए शहीद होने वाले लाखों शहीदों का अपमान है। यह संविधान विरोधी राष्ट्र विरोधी फतवा है और हिंदुओं की कत्ल करने की एक बड़ी साजिश है।
1990 जैसे हिंदू नरसंहार की चल रही तैयारी
कहा कि जिस तरह से 1990 हिंदू नरसंहार कश्मीर में हुआ था, इस तरह से यह एक तैयारी है। बाबा विश्वनाथ का आज दर्शन कर आज आशीर्वाद प्राप्त किया हूं। मैं इसे लेकर पूरे देश में अभियान चलाऊंगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार से यह मांगता हूं कि दारुल उलेमा पर एक प्रतिबंध लगाना चाहिए। उससे संबंधित जितने भी मदरसे संचालित हो रहे हैं, सारे मदरसों को बुलडोजर लगाकर गिराना चाहिए क्योंकि लाखों बच्चे जो यहां पढ़ रहे हैं उनको टेररिस्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
जब यह बड़े-बड़े मौलाना मौलवी इस तरह का बयान देंगे कि गजवा हिंद में करने वाला मुसलमान जो शहीद होगा। वहां पढ़ने वाले बच्चे का क्या भविष्य होगा। इसलिए तमाम बच्चों को आतंकवादी बनाने की जो ट्रेनिंग दी जा रही है ऐसे मदरसे बंद होने चाहिए। इसको लेकर बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया हूं।
परमहंस आचार्य ने कहा कि इसको लेकर पूरे राष्ट्र में एक अभियान भी चलाऊंगा। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम शास्त्र के साथ शस्त्र भी हम लोग उठाएंगे और जो लोग देश विरोधी विचारधारा के लोग हैं, ऐसे इधर से जहां आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जा रही है, उन मदरसों सरकार नहीं गिराएगी तो हम लोग गिराएंगे।
हमारे देवी-देवताओं के बारे में कोई बोले तो कष्ट होता है
आगे उन्होंने कहा कि अगर उनके पैगंबर के विषय में कोई बोले अल्लाह के विषय में बोले, तो उन्हें कष्ट होता है। उन्हें पता होना चाहिए कि सनातन धर्म के भगवान भोलेनाथ व भगवान राम के विषय में अगर कोई भी बोलता है, तो हमें भी कष्ट होता है। लेकिन दुर्भाग्य है कि मौलवियों को यह समझ में नहीं है कि हमारे देवी देवताओं के विषय में पांच हजार टिप्पणी करोगे तो हमें भी कष्ट होता है। हम तो संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने राम मंदिर संवैधानिक रूप से लिया है और काशी मथुरा को भी हम सब संवैधानिक रूप से लेंगे। हम किसी का अपमान नहीं करते हैं लेकिन हमारे आराध्य का कोई अपमान करेगा तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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