माफिया मुख़्तार अंसारी को एक और मामले में उम्रकैद, 34 साल पहले जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर लिया था शस्त्र लाइसेंस

MUKHTAR ANSARI
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वाराणसी। कुख्यात माफिया मुख़्तार अंसारी को एक और मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास सुनाया है। फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख़्तार अंसारी को कोर्ट ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर दो लाख दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मुख़्तार अंसारी की बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में वर्चुअली पेशी हुई। 

माफिया से नेता बने मुख़्तार अंसारी को आठवीं बार सजा का ऐलान हुआ है। मुख़्तार को अब तक सात मामलों में सजा हो चुकी है। इससे पहले मुख़्तार को अवधेश राय हत्याकांड में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट अवनीश गौतम की अदालत में मुख़्तार अंसारी को वीसी के जरिए पेश किया गया। इसी अदालत ने उसे अवधेश राय हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 

ये है पूरा मामला

मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप है कि दस जून 1987 को दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था। इसका फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। 

जांचोपरांत तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दी गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उनके विरुद्ध वाद 18 अगस्त 2021 को समाप्त कर दिया गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन,पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत दस गवाहों का बयान दर्ज किया गया है। अब अदालत ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद मुख्तार को दोषी पाया है और इस पर आज सजा सुनाई गई है। 
इन धाराओं के तहत हुई सजा

माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 यानी धोखाधड़ी, 467 यानी बहुमूल्य सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी और 468 यानी ठगी के मकसद से जालसाजी का दोषी पाया गया, जिसमें सजा सुनाई गई है। भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं के तहत अधिकतम दस साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा मुख्तार अंसारी को आयुध अधिनियम की धारा 30 के तहत दोषी पाया गया है। इसके तहत अधिकतम छह माह की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है।
 

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