गंगा सप्तमी : श्री काशी विश्वनाथ धाम में विविध आयोजन, ललिता घाट पर होगा गंगाभिषेक, जानिये काशी में गंगा का महत्व 

नले
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वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से गंगा सप्तमी महोत्सव  का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस पावन अवसर पर विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला काशी में आयोजित की जाएगी, जिसमें श्रद्धालु मां गंगा और भगवान विश्वनाथ की स्तुति में सहभागी बन सकेंगे।

महोत्सव का शुभारंभ प्रातःकाल ललिता घाट पर गंगाभिषेक  से होगा, जिसमें गंगा जल से मां गंगा की आराधना की जाएगी। इसके पश्चात श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में स्थित गंगा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। सायंकालीन बेला में मंदिर चौक स्थित शिवार्चनम मंच से एक भव्य सांगीतिक भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें कलाकार मां गंगा और महादेव के प्रति अपनी श्रद्धा गीतों के माध्यम से अर्पित करेंगे।

गंगा सप्तमी की पौराणिक महिमा
गंगा सप्तमी सनातन परंपरा में विशेष महत्व रखती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां गंगा ब्रह्मदेव के कमंडल से प्रकट हुई थीं। सम्राट सगर के अश्वमेध यज्ञ में हुए व्यवधान के पश्चात उनके पुत्रों की मुक्ति के लिए वंशज भगीरथ ने कठोर तपस्या की। उनके प्रयासों से मां गंगा का धरती पर अवतरण संभव हुआ। परंतु गंगा के तीव्र वेग को नियंत्रित करने हेतु भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया। इस अद्भुत अवतरण का उत्सव ही गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।

काशी में गंगा का विशेष महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार पाण्ड्य नरेश पुण्यकीर्ति के वर मांगने पर मां गंगा ने बताया कि काशी ही उनका घर है। प्रयाग से होते हुए जब मां गंगा काशी पहुंचीं, तब विशाल जलराशि के कारण भगवान विश्वनाथ ने उन्हें नगर की सीमा पर रोक दिया और उनका प्रवाह उत्तर की ओर मोड़ दिया। गंगा जी की प्रार्थना और भागीरथ की याचना पर श्री विश्वनाथ ने तीन शर्तों पर प्रवाह की अनुमति दी: गंगा जी काशी के घाटों को क्षति नहीं पहुंचाएंगी, कोई जलजीव मानव को हानि नहीं करेगा, और गंगा देवी स्वरूप में काशी में विराजेंगी। तभी से काशी को मां गंगा का घर माना जाता है।

घर बैठे देख सकेंगे कार्यक्रम का प्रसारण 
गत वर्ष प्रथम बार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा इस उत्सव का भव्य आयोजन किया गया था। ललिता घाट पर पुष्प सज्जा सहित अभिषेक, गंगा मंदिर में विशेष पूजन और सांध्य समय शिवार्चनम की भजन संध्या श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक ऊर्जा से भर गई थी। इस वर्ष भी उन्हीं भावों को जीवंत करते हुए द्वितीय गंगा सप्तमी महोत्सव का आयोजन होगा। वे श्रद्धालु जो कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित नहीं हो सकेंगे, उनके लिए न्यास द्वारा फेसबुक और यूट्यूब पर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है।

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