वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप, चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा जलस्तर, बाढ़ का खतरा

- गंगा में उफान के चलते छत पर हो रही आरती, गलियों में शवदाह
- गंगा के चलते वरूणा नदी में भी पलट प्रवाह, किनारे के इलाके डूबे
- जल्द ही बस्तियों व मोहल्लों में गंगा का पानी घुसने की आशंका
- बाढ़ के खतरे के मद्देनजर अलर्ट हुआ प्रशासन, हो रही निगरानी
- पहले से स्थापित हैं बाढ़ चौकियां, प्रभावित लोगों को मिलेगी शरण
वाराणसी। गंगा पिछले 24 घंटे से उफान पर हैं। गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। रविवार को जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार रविवार की सुबह गंगा का जलस्तर 70.13 मीटर रिकार्ड किया गया। वहीं चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है। अभी भी जलस्तर में 4 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। ऐसे में जल्द ही जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर सकता है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के चलते घाट और मंदिर डूब गए हैं। वहीं तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।
पश्चिमी यूपी और पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में पिछले तीन दिनों से वृद्धि हो रही है। पहले जलस्तर में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही थी, लेकिन शनिवार को काफी तेजी से पानी बढ़ने लगा। शनिवार को 18 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ा। देखते ही देखते जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया। वहीं रविवार की सुबह जलस्तर चेतावनी बिंदु को छूने लगा। दशाश्वमेध, अस्सी, मणिकर्णिका, नमो घाट समेत काशी के अधिकांश घाट जलमग्न हो चुके हैं। वहीं पानी धीरे-धीरे मोहल्लों की ओर रूख कर रहा है।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के चलते वरूणा नदी में भी पलट प्रवाह हो रहा है। इसके चलते वरूणा नदी के किनारे के इलाके भी जलमग्न हो गए हैं। मोहल्लों की तरफ पानी बढ़ रहा है। ऐसे में तटवर्ती इलाके के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। लोग सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं। वैसे जिला प्रशासन ने बाढ़ की चुनौती से निबटने के लिए पहले ही इंतजाम किए हैं। बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। वहीं अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग, जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम जलस्तर की निगरानी कर रही है। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
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